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Tokyo Olympics : हाकी में जगी ओलिंपिक मेडल की आस, मास्को में बनारस के मोहम्मद शाहिद ने दिलाया था गोल्ड

Tokyo Olympics पद्मश्री मोहम्मद शाहिद विवेक सिंह व राहुल सिंह के बाद ललित उपाध्याय बनारस के चौथे हाकी खिलाड़ी हैं जो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आखिरी बार 1996 अटलांटिका ओलिंपिक राहुल सिंह ने खेला था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 06:46 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 06:46 PM (IST)
Tokyo Olympics : हाकी में जगी ओलिंपिक मेडल की आस, मास्को में बनारस के मोहम्मद शाहिद ने दिलाया था गोल्ड
पद्मश्री मोहम्मद शाहिद, विवेक सिंह व राहुल सिंह के बाद ललित उपाध्याय बनारस के चौथे हाकी खिलाड़ी हैं

वाराणसी, मुहम्मद रईस। पद्मश्री मोहम्मद शाहिद, विवेक सिंह व राहुल सिंह के बाद ललित उपाध्याय बनारस के चौथे हाकी खिलाड़ी हैं, जो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आखिरी बार 1996 अटलांटिका ओलिंपिक राहुल सिंह ने खेला था। मास्को ओलिंपिक (1980) में मोहम्मद शाहिद ने टीम को स्वर्ण पदक दिलाया था। उसके बाद 1984 (लाल एंजिल्स), 1988 (सियोल) व 1996 (अटलांटा) के ओलिंपिक में टीम जरूर खेली, लेकिन पदकों का सूखा ही रहा। करीब ढाई दशक बाद एक बार फिर बनारसी प्रतिभा टीम का सहयोग कर रही है। टीम सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है, जहां मौजूदा विश्व चैंपियन बेल्जियम से तीन अगस्त को उसकी भिड़ंंत होगी।

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आस्ट्रेलिया के साथ मुकाबले में टीम थकी और बिखरी नजर आ रही थी, जिसकी वजह से करारी हार मिली थी। इसके बाद टीम ने जोरदार वापसी की और बाकी के मैचों में लगातार जीत दर्ज की। साई के पूर्व चीफ कोच व ललित के गुरु परमानंद मिश्र के मुताबिक किसी भी टीम के साथ यह सामान्य घटना है। जब टीम सेट नहीं हो पाती तो बिखराव नजर आता है। मगर भारतीय टीम ने जिस तेजी के साथ वापसी की वह काबिल-ए-तारीफ है। वरिष्ठ एवं युवा खिलाड़ियों के तालमेल से फारवर्ड लाइन में बहुत सुधार हुआ। हमारी गोलकीपिंग भी शानदार रही, जिसने मैचों का रूख भारत की ओर मोड़ने में महती भूमिका निभाई है। नई ऊर्जा के साथ भारतीय टीम टोटल गेम खेल रही है, जिसके चलते विपक्षी टीमों को पेनाल्टी कार्नर लेने का मौका कम ही मिल रहा है।

पक्ष में रहा सही समय पर बदलाव

लीग मैचों को खेल कर भूल जाना ही बेहतर होता है। आस्ट्रेलिया के साथ खेल में पेनाल्टी कार्नर में एक भी गोल न कर पाने वाली भारतीय टीम ने इससे सबक लिया। अगले दो मैचों में अर्जेंटीना और स्पेन के खिलाफ जो पेनाल्टी कार्नर मारा, वो हमारी बढ़त रही। 18 सदस्यीय टीम के तकरीबन सभी खिलाड़ियों का उपयोग किया जा रहा है। टीम व गेम प्लान के हिसाब से सही समय पर टीम में सही बदलाव करना भारत के पक्ष में रहा।

- राहुल सिंह, हाकी ओलिंपियन।

सुनहरे भविष्य का है संकेत

लीग मैच में मिली एकमात्र हार को पीछे छोड़ टीम इंडिया आगे बढ़ चुकी है। भारतीय टीम ने टोटल गेम खेला है। वरिष्ठ एवं युवा खिलाड़ियों के तालमेल ने सुनहरे भविष्य का संकेत दिया है। ललित के साथ ही पूरी टीम से देश को ढ़ेरों उम्मीदें हैं। लंबे अरसे बाद भारतीय हाकी अपनी चमक बिखेर रही है। बेल्जियम से होने वाला मैच भारतीय टीम जरूर जीतेगी।

- परमानंद मिश्र, पूर्व चीफ कोच-साई एवं ललित के कोच।


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