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मीरजापुर में शराब बनाने के लिए बदनाम गांव में अब महिलाएं बनाती हैं बैग व ड्रेस, पकड़ी आत्मनिर्भरता की राह

अवैध शराब बनाने के लिए बदनाम मीरजापुर सिटी ब्लाक के पड़रा हनुमान गांव में अब महिलाएं बैग स्कूल ड्रेस व मास्क बना रही हैं। साथ ही समूह से जुड़कर मुर्गी पालन व सब्जी की खेती करके हनुमान पड़रा की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की राह पकड़ ली है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 10:03 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 10:03 PM (IST)
मीरजापुर में शराब बनाने के लिए बदनाम गांव में अब महिलाएं बनाती हैं बैग व ड्रेस,  पकड़ी आत्मनिर्भरता की राह
मीरजापुर देहात कोतवाली क्षेत्र के हनुमान पडऱा में बैग बनातीं समूह की महिलाएं।

मीरजापुर, जेएनएन। अवैध शराब बनाने के लिए बदनाम सिटी ब्लाक के पड़रा हनुमान गांव में अब महिलाएं बैग, स्कूल ड्रेस व मास्क बना रही हैं। साथ ही समूह से जुड़कर मुर्गी पालन व सब्जी की खेती करके हनुमान पड़रा की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की राह पकड़ ली है। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्कूल ड्रेस, बैग संग मास्क बना रही हैं। समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं के जीवन में काफी बदलाव आ रहा है। इसमें तत्कालीन सीडीओ अविनाश सिंह के साथ ही उपायुक्त स्वत: रोजगार डा. घनश्याम प्रसाद की विशेष भूमिका रही। उन्होंने विचारों से लोगों को बदलने की मुहिम आरंभ की।

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सिटी के पड़रा हनुमान स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आजीविका संबंधी गतिविधियों को करते हुए गांव में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं। पुरुष समाज का शराब के नशे में धुत रहने के खिलाफ आवाज उठा कर इस बुराई को गांव से मुक्त करा दिया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संचालित योजनाओं से लाभांवित होते हुए प्रशिक्षण प्राप्त किया। आजीविका संबंधी कार्य कर आत्म निर्भर बन रही हैं।सीडीओ ने महिलाओं को रोजगार देने का प्रयास किया और स्वयं सहायता समूह का गठन कराया। उनके निर्देशन में महिलाओं ने विकास का कदम आगे बढ़ाया तो सफलता आज निरंतर कदम चूम रही हैं। शीतला प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की सुनीता दीदी ने आगे बढ़कर समूह बनाया और महिलाओं को एक नई दिशा दी। उनके प्रयास के चलते इस धंधे से जुड़ी महिलाएं इससे क्रमश: दुरी बना रही हैं और निरंतर आत्मनिर्भरता ओर स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो रही हैं। महिलाओं ने इस बार बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित 20 परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ड्रेस बनाया है। इन समूह की महिलाओं से बनाए गए ड्रेस को बच्चें पहन रहे हैं।

मुर्गी पालन कर 15 हजार कमा रही चंदा देवी

सूरज स्वयं सहायता समूह की चंदा देवी मुर्गी पालन करके प्रति माह लगभग 10 से 15 हजार की आमदनी कर रही है। कहा कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उनके जीवन में नया सवेरा आया है, आज वह आत्म निर्भर बन गई हैं।

सब्जी उगा परिवार का कर रही पालन-पोषण

कमल स्वयं सहायता समूह से जुड़कर पड़रा हनुमान की सावित्री देवी, जड़ावती देवी आज सब्जी की खेती कर रही हैं। जिला प्रबंधक दशरथ मिश्रा ने बताया कि सब्जी की खेती करके आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन कर रही है।

कोराेना से निपटने को बनाया मास्क

कोविड-19 आपदा से निपटने में भी समूह की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर सहभागिता की। समूह की महिलाओं ने लोगों को सस्ते दर पर मास्क तैयार कर लोगों को मुहैया कराया। ग्रामीण क्षेत्रों में समूह की महिलाओं के तैयार मास्क की काफी मांग रही।

सुनीता ने ड्रेस बना घर को संवारा

पड़रा हनुमान की सुनीता महिलाओं के लिए मिसाल बन रही हैं। जीवन में कुछ अलग कर गुजरने की चाह रखने वाली सुनीता ने स्वयं सहायता समूह का गठन किया और बच्चों के लिए बैग व ड्रेस बनाने का निर्णय लिया। बच्चों का ड्रेस बनाकर अपना आर्थिक उन्नति करके जीवन यापन कर रही हैं साथ ही अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर भी बना रही हैं।

समूह के गठन से महिलाएं जागरूक व आत्मनिर्भर बन रही हैं

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत पड़रा हनुमान में शीतला प्रेरणा स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया। समूह के गठन से महिलाएं जागरूक व आत्मनिर्भर बन रही हैं। आशा है कि ऐसे ही काम चलता रहा तो गांव एक नई पहचान के साथ उभरेगा।

- डा. घनश्याम प्रसाद, उपायुक्त, स्वत: राेजगार, मीरजापुर।


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