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Tiddi Dal Attack : फसलों को बचाने के लिए वाराणसी में बनी समिति, ग्राम प्रधानों के साथ बैठक

Tiddi Dal Attack टिड्डी दल से फसलों को बचाने के लिए वाराणसी में बनी समिति ग्राम प्रधानों के साथ बैठक हुई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 06:05 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 09:55 AM (IST)
Tiddi Dal Attack : फसलों को बचाने के लिए वाराणसी में बनी समिति, ग्राम प्रधानों के साथ बैठक
Tiddi Dal Attack : फसलों को बचाने के लिए वाराणसी में बनी समिति, ग्राम प्रधानों के साथ बैठक

वाराणसी, जेएनएन। डीएम के निर्देश पर शुक्रवार को काशी विद्यापीठ ब्लाक मुख्यालय सभागार में टिड्डियों के संभावित आगमन को लेकर ब्लाक के अफसरों ने ग्राम प्रधानों संग बैठक की। साथ ही इस बाबत ब्लाकस्तरीय समिति का भी गठन किया गया। टिड्डियों के आतंक से फसलों को होने वाले नुकसान पर चर्चा की गई। कहा गया कि टिड्डियों के दल को सोनभद्र, मीरजापुर और चंदौली में देखा गया है। इससे लगा ब्लाक काशी विद्यापीठ है जिसमें टिड्डी दल का आगमन पहले होने की संभावना है। टिड्डी दल बहुत भारी संख्या में आते हैं और यह कुछ ही समय में काफी बड़ी मात्रा में फसलों को नष्ट कर देते हैं।

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सहायक विकास अधिकारी कृषि विजय शंकर तिवारी द्वारा किसानों को खेतों में ढोल-नगाड़े बजाने, ताली बजाने हवाई पटाखे चलाने समेत यांत्रिकी विधि से नियंत्रण करने की बात कही। उन्होंने ने कहा कि ऐसे उपाय अपनाने से टिड्डी दल आपके खेत में न बैठ आगे बढ़ जाएगा। सहायक विकास अधिकारी (कृषि रक्षा) रमेश सिंह द्वारा बचाव के लिए रासायनिक दवाओं के छिड़काव की विधि, मात्रा आदि के बाबत विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। उधर, गठित ब्लॉकस्तरीय समिति में खंड विकास अधिकारी को अध्यक्ष, सहायक विकास अधिकारी कृषि को सचिव तथा सहायक विकास अधिकारी पंचायत को सदस्य बनाया गया। इस दौरान प्रभारी बीडीओ आरके द्विवेदी, एडीओ पंचायत एसके सिंह, प्राविधिक सहायक अश्विनी सिंह, संजय कुमार ने भी विचार व्यक्त किया। रमसीपुर, भूलनपुर महेशपुर, हरिहरपुर, जफराबाद टिकरी, रमना, तारापुर समेत कई गांवों के प्रधान व प्रतिनिधि मौजूद थे।

दो दिनों तक बनारस व आसपास के जिलों में टिड्डियों के प्रवेश की संभावना नहीं

टिड्डों का दल इस समय मध्य प्रदेश में देखा गया है। हवा का रूख बनारस की ओर नहीं होने के चलते दो दिनों तक बनारस व आसपास के जिलों में टिड्डियों के प्रवेश की संभावना नहीं है। वैसे एहतियातन इसकी बराबर मानिटरिंग की जा रही है। मंडल के जिलास्तरीय कृषि अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है। अगर बरसात हो गई तो इधर आने की संभावना काफी कम हो जाएगी।

-एसी शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि।

विमानों को लिए खतरा बना टिड्डी दल

राजस्थान, मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी टिड्डी दल प्रवेश कर चुका है। टिड्डियों द्वारा विमान सेवाओं को भी प्रभावित किया जा सकता है। हवा में उड़ रहे विमानों के लिए टिड्डियां खतरा बन सकती हैं। इस बारे में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को शाम आदेश जारी कर इनसे बचाव के बारे में बताया गया। डीजीसीए का आदेश आने पर वाराणसी एयरपोर्ट पर भी अधिकारी अलर्ट हो गए हैं।

टिड्डी दल आसमान में अधिक उंचाई तक नहीं उड़ता है जिसके चलते अधिक ऊंचाई पर उडऩे वाले विमानों के लिए तो समस्या नहीं होगी लेकिन विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ के समय खतरा हो सकता है। टिड्डी दल विमान के इंजन और एसी में फंसकर उसे जाम कर सकता है जिससे बड़ी घटना हो सकती है। डीजीसीए ने अपने आदेश में बताया है कि विंडशील्ड पर यदि टिड्डी दिखाई दे तो पायलट को वाइपर का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। वाइपर चलाने पर टिड्डी उसमें चिपककर फैल सकती हैं। इसके अलावा यदि हवाई क्षेत्र में कहीं भी टिड्डियों का झुंड दिखाई दे तो एटीसी द्वारा तत्काल पायलट का सूचित किया जाना चाहिए। वही पायलटों को भी निर्देशित किया गया है कि यदि उड़ान के दौरान कहीं भी टिड्डी दल दिखाई पड़े तो एटीसी को सूचित करें। विमान के एप्रन पर खड़ा रहने के दौरान उसमें टिड्डी दल प्रवेश न कर सके, इसका भी विशेष ध्यान देना पड़ेगा। उड़ान से पूर्व ग्राउंड स्टाफ और इंजीनियर द्वारा विमान में टिड्डियों की जांच भी जाएगी उसके बाद उड़ान की इजाजत दी जाएगी। टिड्डियों को लेकर पायलट, एयरलाइंस, इंजीनियरग् एटीसी और विमानों की ग्राउंड हैंडलिंग करने वाली एजेंसियों को खास सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।

टिड्डियों को लेकर डीजीसीए द्वारा आदेश जारी किया गया है

टिड्डियों को लेकर डीजीसीए द्वारा आदेश जारी किया गया है। एटीसी और अन्य एजेंसियों को भी इस बारे में बात कि गई है और सभी का अलर्ट किया गया है। अभी वाराणसी में टिड्डियों के आने का कोई लोकेशन नहीं है, फिर भी हम उनसे बचाव के लिये तैयारी कर रहे हैं।

-आकाशदीप निदेशक, वाराणसी एयरपोर्ट।


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