Move to Jagran APP

बीएचयू में मल्टीसिस्टम इंफ्लामेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड के तीन मरीज भर्ती, एक मरीज की जल्द होगी छुट्टी

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित बच्चों में एमआइएस-सी (मल्टीसिस्टम इंफ्लामेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड) की समस्या बढ़ रही है। हालांकि इसकी रफ्तार बहुत कम है। पिछले माह बीएचयू में तीन मरीज आए थे। बीएचयू अस्पताल में तीन बच्चों का उपचार चल रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 09:33 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 09:33 PM (IST)
बीएचयू में मल्टीसिस्टम इंफ्लामेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड के तीन मरीज भर्ती, एक मरीज की जल्द होगी छुट्टी
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित बच्चों में एमआइएस-सी (मल्टीसिस्टम इंफ्लामेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड) की समस्या बढ़ रही है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित बच्चों में एमआइएस-सी (मल्टीसिस्टम इंफ्लामेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड) की समस्या बढ़ रही है। हालांकि इसकी रफ्तार बहुत कम है। पिछले माह बीएचयू में तीन मरीज आए थे। वर्तमान में भी बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित बाल रोग विभाग के वार्ड में तीन बच्चों का उपचार चल रहा है। इसमें से दो बच्चे इसी सप्ताह आए हैं। वहीं पिछले सप्ताह से भर्ती मरीज अब ठीक हो गया है। उम्मीद है एक-दो दिन में इसकी छुट्टी भी हो गई है। बीएचयू समेत पूरे शहर में इस तरह के लगभग 50 मामले सामने आ चुके हैं।

loksabha election banner

दरअसल, एमआइएस-सी बीमारी उन बच्चों में हो रही हैं जो कोरोना संक्रमित रह चुके हैं या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं। इसके लक्षण भी डेंगू, मलेरिया आदि बीमारी जैसा ही है। इस लिए अगर ऐसा लक्षण दिखे तो तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श से उपचार शुरू करा देना चाहिए। हालांकि इसे लेकर बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। इसका बीएचयू में समूचित उपचार है। हां, इस बीमारी को हौवा बनाकर कुछ अस्पतालों में पैसा ऐंठने वाले भी सक्रिय हो गए हैं, जिससे आपको सतर्क रहने की जरूरत है। वरना आपदा के असुर हर समय लोगों की जेब पर नजर गड़ाए हुए हैं। वैसे इस रोग का उपचार बहुत ही आसान है। बस समय पर शुरूआत की जरूरत है। बीएचयू के चिकित्सक बताते हैं कि एमआइएस-सी से पीड़ित बच्चों में इम्यूनोग्लोबिन, स्टेरायड, स्पीरिन आदि दवाएं ही दी जाती है।

एमआइएस-सी के लक्षण

खासकर दो-तीन से अधिक बुखार, उल्टी, दस्त, आंख, मुंह लाल, शरीर पर चकत्ते आदि है। साथ ही यूरिया व क्रेटनेन भी बढ़ जाता है।

एमआइएस-सी की जांच

कई बार इसकी आरटीपीसीआर जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव ही आती है, लेकिन काेविड एंटी बॉडी जांच पॉजिटिव आती है, जो यह जांच खून संबंधी है। इससे पता चलता है कि बच्चे में यह समस्या है या नहीं। इसके साथ ही डी डाइमर, सीआरपी, फैरिटिन आदि जांच से इस बीमारी का पता चल जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.