किर्गिस्तान में फंसे हजारों छात्र वतन लौटने को परेशान, खराब चिकित्सा व्यवस्था व खाने की दिक्कत
किर्गिस्तान में तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। लोग कोरोना संक्रमण से डरे हुए हैं। चिकित्सा व्यवस्था भी बहुत ठीक नहीं है और खाने को परेशानी हो रही है
वाराणसी, जेएनएन। किर्गिस्तान में तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। लोग कोरोना संक्रमण से डरे हुए हैं। चिकित्सा व्यवस्था भी बहुत ठीक नहीं है और खाने को परेशानी हो रही है। मेडिकल की पढ़ाई करने पहुंचे कई छात्र कोरोना संक्रमण के दायरे में आ चुके है। कोरोना संक्रमण से भदोही के एक छात्र पवन गुप्ता की मौत हो चुकी है। ऐसे में वहां फंसे छात्र किसी तरह अपने वतन लौटना चाह रहे हैं लेकिन उन्हें आने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है। वहां की सरकार भी कोई मदद नहीं कर रही है। परेशान छात्र वीडियो बनाकर व फोटो खींचकर अपनी समस्याओं को फेसबुक और ट्वीट कर शेयर कर रहे हैं जिससे कोई उनकी मदद कर सके।
किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 135 छात्र विमान से गुरुवार को वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर पहुंचे तो उनके आंखों से आंसू छलक आए। उनके चेहरे पर वतन लौटने की खुशी दिखाई दे रही थी तो अंदर से डरे हुए थे। एयरपोर्ट पर विमान लैंड करते ही उन्होंने हाथ जोड़कर भगवान को याद किया तो फिल्म अभिनेता की फोटो को दिल से लगाकर थैंक्स बोला। सभी छात्र एक-दूसरे को विमान के अंदर बधाई देने लगे। वतन लौटे गोरखपुर के छात्र रमेश गुप्ता का कहना है कि किर्गिस्तान में तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। घरों और हास्टलों में हजारों छात्र फंसे हुए हैं। पहले छात्रों ने सोचा कि कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण खत्म हो जाएगा, ऐसे में वे घर जाने में रुचि नहीं दिखाई लेकिन क्या मालूम था कि कोरोना संक्रमण तेजी से बढऩे के साथ लॉकडाउन हो जाएगा। गाजियाबाद की विजय लक्ष्मी कहतीं हैं कि वतन लौटने के लिए दूतावास के अधिकारियों से संपर्क किया गया तथा ट्वीट कर सरकार से भी मदद की गुहार लगाई गई लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। हर जगह से निराशा हाथ लगने के चलते छात्रों की वतन लौटने की उम्मीद टूट चुकी थी। ऐसे में हम छात्रों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। फेसबुक, वाट्सएप और ट्वीट कर मदद मांगना शुरू किया। सोशल मीडिया पर जानकारी हुई कि फिल्म अभिनेता सोनू सूद समेत कई फिल्मी हस्तियां लोगों की मदद कर रही है तो हमने उनसे भी मदद मांगी। सिद्धार्थ नगर की भामिनी कहतीं हैं कि जितनी बार छात्रों ने सोनू सूद को ट्वीट किया उतनी बार उन्होंने छात्रों का जवाब दिया। वहां फंसे छात्रों ने वतन लौटने के साथ मदद करने की बात करते रहे। हम सभी छात्र घर पहुंचने के बाद सोशल मीडिया समेत अन्य माध्यम से अपने सहपाठियों को वतन लाने की गुहार लगा रहे हैं।