बाढ़ पीड़ितों को विस्थापित करने पर विचार, प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन ने बाढ़ का लिया जायजा Varanasi news
सूबे के नगर विकास एवं जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि तटीय इलाकों में रहने वाले लोग हर साल बाढ़ की विभीषिका का सामना करते हैं।
वाराणसी, जेएनएन। सूबे के नगर विकास एवं जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि तटीय इलाकों में रहने वाले लोग हर साल बाढ़ की विभीषिका का सामना करते हैं। उनके लाखों रुपये बर्बाद हो जाते हैं, ऐसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने को लेकर यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर विचार किया जा रहा है। कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों को आवश्यक सामग्री की कमी नहीं होनी चाहिए। खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के साथ वहां दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे।
साथ ही बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दवा का छिड़काव कराते रहें जिससे वहां किसी प्रकार की बीमारी नहीं फैले और न ही कोई बीमारी की चपेट में आए। यदि विभागीय लापरवाही के चलते राहत शिविर में कोई अव्यवस्था फैलती है तो संबंधित को दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निचले इलाकों में बने मकानों को टीम भेजकर दिखवा लिया जाए कि वहां कोई फंसा तो नहीं है, यदि सूचना मिले तो तत्काल एनडीआरएफ समेत अन्य अधिकारियों की टीम भेजी जाए। यह सुनिश्चित कर लें कि बाढ़ के पानी से घिरे मकानों में कोई नहीं है, यदि वे रह रहे हैं तो उन्हें तत्काल बाहर निकाला जाए।
- राहत शिविर का किया दौरा मंत्री ने बाढ़ प्रभावित सरैया और कोनिया क्षेत्र का दौरा करने के बाद सरैया प्राथमिक विद्यालय में स्थापित बाढ़ राहत कैंप में रह रहे लोगों से खाना, पानी तथा दवाओं आदि की उपलब्धता के बारे में पूछा। एसडीएम सदर ने बताया कि 23 परिवार के 112 लोग इस कैंप के साथ आसपास के मदरसों में रह रहे हैं। कुल 375 लोग हैं। साथ में वरुणा नदी के तट तक जाकर बढ़ते जलस्तर से डूबे हुए घरों को देखा। ताला बंद कर राहत शिविर में रह रहे लोगों के घरों के सामान की सुरक्षा करने के लिए पुलिस को दिन-रात गश्त करने को कहा। प्रथम तल पर पानी भरने और दूसरे तल पर रहे लोगों को खाद्य सामग्री समेत पानी उपलब्ध कराने को कहा।
- मजिस्ट्रेटों की टीम करे मानीट¨रग बाढ़ प्रभावित इलाकों में अधिकारियों संग मजिस्ट्रेटों की तैनाती की जाए। वे लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा करने के साथ राहत शिविर में खुद जाकर देखें कि वहां रहने वालों को कोई परेशानी तो नहीं है। 24 घंटे चले बाढ़ कंट्रोल रूम मंत्री ने कहा कि स्थापित कंट्रोल के फोन नंबर सार्वजनिक करने के साथ दिन-रात कर्मचारियों की तैनाती की जाए। कोई भी सूचना आने पर त्वरित कार्रवाई की जाए। कर्मचारी यह सुनिश्चित करे कि सूचना मिलने के बाद उन्हें राहत मिली की नहीं।
- कमिश्नर और डीएम भी रहे साथ नगर विकास मंत्री के साथ कमिश्नर दीपक अग्रवाल और जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह के साथ बाढ़ राहत से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे। कमिश्नर और डीएम ने संबंधित अधिकारियों को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया।