वाराणसी में बड़ा चालाक निकला ये चोर, चोरी की बाइक पर लिखा रखा था कार का नंबर
चितईपुर एसओ मिर्जा रिजवान बेग वाहन आदित्यनगर करौंदी मार्ग पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान सफेद रंग की बाइक पर सवार संदिग्ध युवक आता दिखायी दिया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो चकमा देकर निकलने की कोशिश करने लगा।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। एक वाहन चोर ने ऐसी जुगत लगायी कि अपराध वो करे और पकड़ा कोई जाए। शनिवार को पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसकी चालाकी देखकर माथा घूम गया। जिस बाइक से बदमाश घूम रहा था वो चोरी की थी लेकिन उस पर कार का नंबर लिख रखा था। पुलिस ने बाइक को जब्त करके उसे जेल भेज दिया है। बाइक के असली मालिक को भी पुलिस ने तलाश लिया है।
चितईपुर एसओ मिर्जा रिजवान बेग वाहन आदित्यनगर करौंदी मार्ग पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान सफेद रंग की बाइक पर सवार संदिग्ध युवक आता दिखायी दिया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो चकमा देकर निकलने की कोशिश करने लगा। तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने उसे रोक लिया। युवक से पूछताछ करते हुए बाइक का कागजात मांगा। युवक कागजात नहीं होने का बहाना बनाने लगा। पुलिस ने बाइक के नम्बर प्लेट पर लिखे नम्बर को मोबाइल एप के जरिए चेक किया तो चौंक पड़ी। वह नम्बर एक अल्टो कार का था। पुलिस ने तत्काल युवक को गिरफ्त में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो असलियत का पता चला। उनसे अपना नाम करौंदी निवासी चन्द्रजीत विश्वकर्मा बताया। जानकार दी कि एक दिसम्बर को आदित्यनगर के पास एक लान से बाइक को चुराया था। आपराधिक गतिविधियों के बाद भी पकड़ा ना जाए इसलिए उस पर कार का नम्बर लिखवा दिया था। बाइक के चेचिस नम्बर के चेक करने पर उसके असली मालिक का पता चला। चोरी हुई बाइक तरना शिवपुर निवासी सुशील पटेल की है।
नहीं आते पुलिस की नजर में : अपराध को काबू में करने के लिए बनारस की पुलिस जितने तरीके अपना रही अपराधी उससे भी दो कदम आगे निकल जा रहे हैं। पूरे शहर को कैमरों से लैस किया जा रहा है। शहर के लगभग सभी प्रमुख चौराहों पर कैमरे लगा दिए गए हैं। इसका मकसद शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ अपराधियों पर नजर रखा है। वाहन सवार संदिग्धों का पता वाहन के नम्बर से आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं अपराध को अंजाम देकर किसी वाहन से भागने वाले अपराधी को वाहन नम्बर के जरिए खोजा सकता है। वाहन चोरी होने पर भी यह कैमरे उसका पता बता देंगे। अपराधी किसी अपराध को अंजाम देने के लिए चोरी के वाहन इस्तेमाल करते हैं लेकिन अब कैमरों की चौकस नजरों को चकमा देने के लिए उन वाहनों पर दूसरे वाहन का नम्बर लिख दे रहे हैं। पुलिस द्वारा वाहनों के कागजात की जांच कम होने का फायदा उठा रहे हैं।