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काशी का यह मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित, 34.54 लाख रुपये होंगे खर्च

काशी के लोगों में जैतपुरा क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक ज्वरहरेश्वर महादेव का विशेष महत्व है। अब इस मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 11:18 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 01:53 PM (IST)
काशी का यह मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित, 34.54 लाख रुपये होंगे खर्च
काशी का यह मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित, 34.54 लाख रुपये होंगे खर्च

वाराणसी, जेएनएन। काशी के लोगों में जैतपुरा क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक ज्वरहरेश्वर महादेव का विशेष महत्व है। इसके बावजूद इस स्थल पर काशीवासियों के साथ ही पर्यटकों का आना कम होता है। इसी को देखते हुए मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। शासन की तरफ जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में वित्तीय व प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

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प्रथम किस्त 17.27 लाख रुपये जारी

पत्र के अनुसार मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। संस्था ने आकलन और आगणन परीक्षण के बाद 34.54 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसकी प्रथम किस्त 17.27 लाख रुपये जारी भी कर दिया गया है। योजना के अंतर्गत ज्वरहरेश्वर महादेव मंदिर परिसर की फर्श, जर्जर निर्माण को ठीक करने के साथ ही पेंट आदि का कार्य किया जाएगा ताकि पर्यटक यहां आसानी से आ सकें।

पुराना ज्वर हर लेते हैं महादेव

ज्वरहरेश्वर महादेव मंदिर का उल्लेख काशी खंड में है। इस सार्वजनिक मंदिर के प्रति आस्था के कारण व्यवस्था में लगे रहने वाले अशोक यादव ने बताया कि मान्यता है कि पुराने से पुराना बुखार महादेव हर लेते हैं। मन्नत पूरी हो जाने पर लोग यहां आकर प्रसाद चढ़ाते हैं। नौ बिस्वा में फैला मंदिर करीब 500 वर्ष पुराना है। यहां स्थित मंदिर, धर्मशाला, अखाड़ा आदि की दीवारें, फर्श आदि जगह-जगह जर्जर हो गई हैं। सुंदरीकरण से लोगों का आकर्षण बढ़ेगा तथा पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी। वाराणसी में पर्यटन विकास के उद्देश्य से कई मठ और मंदिरों का सुंदरीकरण के प्रस्ताविक कार्यों के लिए शासन को इस्टीमेट भेजा गया था जिसके बाद ज्वरहरेश्वर महादेव मंदिर के लिए 34.54 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। मंदिर के कायाकल्‍प के लिए प्रथम किस्त 17.27 लाख रुपये जारी किया गया है।


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