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नागपंचमी और सावन के तीसरे साेमवार पर गंगा घाट से बाबा दरबार तक श्रद्धालुओं की कतार

सावन के तीसरे सोमवार व नाग पंचमी के दुर्लभ संयोग में बाबा को जलाभिषेक के लिए पूर्व संध्या पर रविवार को ही पूरा शहर केसरिया रंगत से नहा गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 10:03 AM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 09:10 PM (IST)
नागपंचमी और सावन के तीसरे साेमवार पर गंगा घाट से बाबा दरबार तक श्रद्धालुओं की कतार
नागपंचमी और सावन के तीसरे साेमवार पर गंगा घाट से बाबा दरबार तक श्रद्धालुओं की कतार

वाराणसी, जेएनएन। सावन के तीसरे सोमवार व नाग पंचमी के दुर्लभ संयोग में बाबा को जलाभिषेक के लिए पूर्व संध्या पर रविवार को ही पूरा शहर केसरिया रंगत से नहा गया। सुबह से ही हर राह मुड़ी और बाबा दरबार से जा जुड़ी। बम बोल और हर हर महादेव के उद्घोष ने वातावरण को शिवमय किया। साेमवार की सुबह मंगलाआरती के बाद आस्‍थावानों का रेला कुछ इस कदर उमड़ा कि कई किलोमीटर तक आस्‍थावानों की कतार लग गई और पूरी काशी हर हर महादेव के नारों की गूंजती नजर आई। 

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बाबा को प्रिय सावन मास के तीसरे सोमवार की परंपरा के अनुसार आदि विश्वेश्वर श्री काशी विश्वनाथ का अद्र्धनारीश्वर रूप शृंगार किया गया। शाम को शृंगार भोग आरती के बाद गर्भगृह में बाबा की दिव्य झांकी सजाई गई और श्रद्धालु दर्शन कर विभोर हुए। नागपंचमी के दुर्लभ संयोग से उत्सव का उल्लास यह कि रविवार रात ही मंदिर को फूल-पत्तियों से सजा दिया गया। भोर में मंगला आरती की गई जिसके लिए टिकट तो सिर्फ 400 ही कटे लेकिन लगभग 500 लोगों ने आरती की झांकी के दर्शन किए। शाम होते-होते बाबा दरबार परिसर की आभा और निखर गई। इस बीच भोर से रात तक नित्य की तरह बाबा की चार प्रहर आरती की गई। इसके अलावा शहर से गांव तक शिवालयों व देवालयों के साथ देव विग्रहों की झांकी सजाई गई।
बाबा दरबार पहुंचे 26 डाक बम
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए कांवरियों व अन्य श्रद्धालुओं का रेला तो उमड़ा ही 26 डाक बम ने भी बाबा का जलाभिषेक किया। इसके लिए इलाहाबाद, भदोही, फैजाबाद समेत अन्य जिलों से बाबा भक्त आए। उन्हें बिना रोक टोक गेट नंबर एक से बाबा दरबार में प्रवेश दिया गया।  
 

परंपरानुसार विश्व्नाथ गली के हजारों की संख्या में उपस्थित व्यापारियों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। तय समयानुसार सुबह नौ बजे चित्तरंजन पार्क पर सारे व्यापारी बंधु सपरिवार इकट्ठे होकर हर-हर बम बम, हर हर महादेव के जयघोष के साथ डेढसी पुल से विश्‍वनाथ गली के रास्ते ढुंडीराज के दर्शन करते हुए गर्भगृह में प्रवेश किया। गर्भगृह में संघ के ही पदाधिकारी व्यापारियों को दर्शन कराते हुए बाहर निकाल रहे थे। विश्वनाथ जी के दर्शन के उपरांत अन्नपूर्णा माता के दर्शन करते हुए साक्षी विनायक गणेश मंदिर पर जुलूस का समापन हुआ। जुलूस बिहारी पुरी मठ के महंत स्वामी जयकिशन पुरी महाराज के अगुवाई में चला। जलाभिषेक शोभायात्रा में प्रमुख रूप से मुन्ना रस्तोगी, रमेश तिवारी, पवन शुक्ला, सुरेश तुलस्यान, राजू बाजोरिया, ब्रह्मदत्त त्रिपाठी, रमेश केशरी आदि व्यापारी नेता शामिल थे। मंदिर प्रशासन द्वारा व्यवसायिक समिति को आवंटित समय के पूर्व ही पर्यवेक्षक द्वारा व्यापारियों के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगाते हुए दो बार समय पूर्व ही पीतल का कलश पाइप लगा दिया गया। इसके बाद व्यापारी नेता मुन्ना रस्तोगी एवं पवन शुक्ला के विरोध प्रकट करने के बाद पुनः व्यापारियों को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया।

वहीं तमाम ऐसे रहे जो गंगा स्नान और बाबा के दर्शन बाद रविवार की शाम से ही कतार में जा लगे। बैरिकेडिंग में कांवर टांगी और प्रभु में ध्यान लगाया। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के ध्वनि विस्तारक यंत्र पर गूंजते ओम् नम: शिवाय को दोहराया और भाव में आए तो उद्घोष से इलाका गुंजाया। रात बीतने के साथ मैदागिन-लक्सा और दशाश्वमेध की ओर से कतार का आकार विस्तार पाता रहा। इसने बाबा दरबार का दायरा कई किलोमीटर में फैल जाने का अहसास दिया।

सिर्फ सोमवार के लिए गर्भगृह के बाहर से दर्शन की तय व्यवस्था से इतर एक दिन पहले भी धातु के पात्र लगा दिए जाने से श्रद्धालुओं में नाराजगी रही। इसे लेकर लोगों ने आपत्ति भी जताई। उधर, मंदिर प्रशासन के लिए सावन के तीसरे सोमवार को सकुशल, सुगमता से दर्शन कराने के लिए देर रात तक तैयारियों को अंजाम दिया जाता रहा। इसके लिए परिसर को फूलों से सजाया गया। साथ ही बैरिकेडिंग में थोड़ी-थोड़ी दूर पर पेयजल का इंतजाम किया गया। 

वहीं अास्‍था के सावन का कोई दूर दूर तक ओर छोर नजर नहीं आ रहा। विभिन्‍न मंदिरों और शिवालयों में लोगों ने दूध, लावा, बेलपत्र और शिव को चढा़कर पुण्‍य की कामना की। विभिन्‍न शिवालयाें में अास्‍थावानों की कतार सुबह से ही लग गई और हर हर बम बम के नारे के साथ शिवालय के पट खुलते ही जलाभिषेक का अनवरत क्रम शुरू हो गया। जबकि गंगा घाटों पर भी आस्‍थावानों की कतार दिन चढते ही लगने लगी।

सावन के तीसरे सोमवार को बीएचयू परिसर स्थित नये विश्वनाथ मंदिर में भोर से ही दर्शनार्थियों की कतार लग गई थी। भोर में लगभग तीन बजे मंदिर का कपाट खुलते ही श्रद्धालु बाबा भोले की जय-जयकार लगाते हुए दर्शन को उमड़ गए। सुबह सात बजे तक भक्तों की कतार बॉटनी विभाग के चौराहे तक लगी रही। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन-पूजन के साथ जलाभिषेक भी किया।
  देर रात तक दर्शनार्थी बाबा का जयघोष करते हुए दर्शन-पूजन करते रहे। सुरक्षा के लिए मंदिर की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई थी। इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों व पुलिस को भी लगाया गया था। परिसर में स्थित विभिन्न शिव मंदिरों में भी सुबह से ही भक्त दर्शन को पहुंचते रहे। मंदिर में भक्तों को जाने के लिए लाईन लगाई गई थी। सुबह सात बजे के बाद दर्शनार्थियों की कतार धीरे-धीरे कम हो गई। मंदिर के बाहर दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए फूल-माला की कई स्थाई व अस्थाई दुकानें लगी थीं।

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