जोधपुर हावड़ा एक्सप्रेस में सफर के दौरान तीन बैगों में लग गई सेंध, कोच में वह चोर देखकर छूट गई सबकी हंसी
पहले तो लोगों के खूब ठहाके लगते रहे लेकिन बाद में इक्कीसवीं सदी की भारतीय रेल पर जमकर गरजे एवं बरसे भी।
वाराणसी, जेएनएन। मचा शोर कोच में चोर ...। तलाशी में चूहे की करतूत उजागर हुई। आपको यह खबर चौंकाएगी लेकिन सच्चाई है। पहले तो लोगों के खूब ठहाके लगते रहे लेकिन बाद में इक्कीसवीं सदी की भारतीय रेल पर जमकर गरजे एवं बरसे भी। लाजमी था कि मंत्रालय तरक्की का तर्क देकर यात्रियों की जेब पर बोझ पर बोझ डाले जा रहा है जबकि जमीन पर आज भी चोर एवं चूहों का आतंक कायम है।
हुआ यूं कि सुल्तानपुर के सुभाष मिश्रा दशहरा पर्व पर घूमने हावड़ा गए थे। उनके पिता जी कोलकाता के परिवहन विभाग में काम करते हैं। वह खुद भी शाहजहांपुर के एक चीनी मिल में तैनात हैं। उनके पिता ने कोलकाता बुलाया, बच्चों ने दादा से मिलने की इच्छा जताई तो मिश्रा दंपती खुद को रोक नहीं सका। वह परिवार सहित हावड़ा जोधपुर एक्सप्रेस से पंडित दीनदयाल एक्सप्रेस पहुंचे। रास्ते में चूहों ने उनके तीन बैग में सेंध लगा दी। सुबह उनकी नजर बैग पर पड़ी तो परेशान हो उठे। अनहोनी की आशंका भांप चोर को ढूंढने लगे। उनकी मदद में दूसरे यात्री भी जुट गए। निराशा हाथ लगी तो वापस सामान चेक करने जा पहुंचे। उसके बाद तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई।
दरअसल, उनकी गाढ़ी कमाई बैग में सुरक्षित पड़ी मिली। सहयात्रियों ने देखा तो चूहों के करतूत की आशंका जताई। हुआ वहीं बैग के नीचे उसके कतरन पड़े थे। इसी बीच ट्रेन पंडित दीनदयाल जंक्शन पहुंची तो फरक्का एक्सप्रेस पर सवार हुए महराजगंज की सफ़र के लिए। वाराणसी में मिले तो आपबीती बताई, पहले निराश दिखे लेकिन बाद मुस्कुराए भी। बोले मां का दर्शन करके लौट रहा हूं, चोर भला क्या बिगड़ पाता।