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मुफलिसी-तंगहाली की उठी बात, मददगारों ने बढ़ाए हाथ, वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता मलिन बस्तियों के जरूरतमंदों का जुटा रहे डाटा

महामारी की मार झेल रहे बुनकरों के लिए लाकडाउन-2 अभिशाप से कम नहीं। न करने के लिए काम न परिवार को खिलाने के लिए राशन। कुछ युवा सामाजिक कार्यकर्ता जरूरतमंदों की जानकारी जुटाकर और उनकी मदद कर गुरबत के साथी बन रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 08:02 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 08:02 PM (IST)
मुफलिसी-तंगहाली की उठी बात, मददगारों ने बढ़ाए हाथ, वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता मलिन बस्तियों के जरूरतमंदों का जुटा रहे डाटा
कुछ युवा सामाजिक कार्यकर्ता जरूरतमंदों की जानकारी जुटाकर और उनकी मदद कर गुरबत के साथी बन रहे हैं।

वाराणसी [मुहम्मद रईस]। महामारी की मार झेल रहे बुनकरों के लिए लाकडाउन-2 अभिशाप से कम नहीं। न करने के लिए काम, न परिवार को खिलाने के लिए राशन। जिंदा रहने की कशमकश में दर-दर मदद को फैले हाथ। पिछली बार बुनकर बिरादराना तंजीमों की ओर से इन तक कुछ हद तक मदद पहुंचाई जा रही थी, लेकिन इस बार इनके दरवाजे तक स्वयं सेवी संस्थाओं या सरकारी मदद भी विरले ही पहुंच रही है। ऐसे बहुत से बुनकर हैं, जो सुबह से लेकर रात तक मददगारों की बाट जोह रहे हैं। कुछ युवा सामाजिक कार्यकर्ता जरूरतमंदों की जानकारी जुटाकर और उनकी मदद कर गुरबत के साथी बन रहे हैं।

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महामारी से मुकाबला करने में जब अच्छे-अच्छों की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल हो चुकी है, वैसे में मलिन बस्तियों के निवासियों की दशा का आंकलन उनके बीच गए बिना करना बेमानी होगी। इसी सोच के साथ स्वयं सेवी संस्था सीएबी ग्रुप के युवा कार्यकर्ता शीलम झा, शशि प्रकाश यादव, नाहिदा आरिफ, अनुराग मिश्रा, सुधीर जायसवाल व इमरान खान मलिन व बुनकर बस्तियों में जाकर लोगों की स्थिति पता करने की दिन-रात कोशिश कर रहें हैं। युवा न केवल लोगों को मास्क, शारीरिक दूरी का पालन व साबुन-पानी से बार-बार हाथ धोने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि फांकाकशी कर रहे परिवारों की जानकारी जुटाकर उन तक राशन-दवा भी पहुंचा रहे हैं। पुरानापुल पुलकोहना से लेकर सरैंया, बटलोहिया, शकर तालाब, नक्खीघाट, जलालीपुरा, मंडुआडीह, लोहता आदि क्षेत्रों में टीम ने अब तक 500 परिवारों की सूची तैयार की है। इनमें से 300 अधिक जरूरतमंदों तक श्रेयांस मेमोरियल फाउंडेशन, डायसेस आफ वाराणसी, सेंटर फार हार्मनी एंड पीस, अस्मिता संस्था, एेम ट्रस्ट, एक्शन एड आदि की मदद से राशन पहुंचाया गया। वहीं बाकी के लिए भी स्वयं सेवी संस्थाओं से संपर्क किया जा रहा है।

टीकाकरण के लिए भी कर रहे प्रेरित

टीम का पहला उद्देश्य लोगों को जागरुक कर संक्रमण से बचाव के तौर-तरीकों को उनकी आदत बनाना है। अभावग्रस्त लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित कर एवं पंजीयन में उनकी मदद करके टीम टीकाकरण अभियान को सफल बनने में भी जुटी है। अब तक 250 लोगों को टीम ने निश्शुल्क दवा पहुंचाई। साथ ही मलिन बस्तियों में 1000 मास्क भी बांटे।


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