कैसे बढ़ेगी शान जब चार बजे के बाद टिकट के लिए यहां भटकते हैं विदेशी मेहमान
काशी के अध्यात्मिक महत्व को देखते हुए यहां हर रोज बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी आते हैं लेकिन अक्सर उन्हें कैंट रेलवे स्टेशन पर टिकट के लिए समस्या होती है।
वाराणसी, जेएनएन। काशी के अध्यात्मिक महत्व को देखते हुए यहां हर रोज बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी आते व जाते हैं। शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन कैंट पर उनकी सुविधाओं के लिए कोई खास इंतजाम नहीं हैं। सैलानियों के बैठने के लिए आइटीबी के रूप में वीआइपी लाउंज तो बनाया गया लेकिन वहां टिकट आरक्षण की व्यवस्था मात्र शाम चार बजे तक ही की गई है। चार बजे के बाद इन सैलानियों को खुद ही इधर उधर भटक कर टिकट करवाने से लेकर ट्रेन की जानकारी लेनी पड़ती है। वहीं इनके बैठने के लिए प्लेटफार्म संख्या पांच स्थित डिप्टी एसएस कार्यालय में सोफे व कुर्सियों का विशेष प्रबंध किया गया है।
बने हैं दो पर्यटन केंद्र : विदेशी सैलानियों की सुविधा के लिए कैंट स्टेशन व कैंट रोडवेज डिपो में दो पर्यटक सहायता केंद्र बनाए गए हैं। ये केंद्र 24 घंटे संचालित होते हैं। यहां तैनात कर्मचारी सैलानियों के टिकट से लेकर शहर के विषय में उनको महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।
स्टाफ की कमी के चलते नहीं हो पा रहा विस्तार : रेल अफसरों के मुताबिक कैंट स्टेशन पर कर्मचारियों का काफी अभाव है। ये कमी आरक्षण लिपिकों से लेकर रेलवे सुरक्षा बल तक में है। स्टेशन प्रबंधन के मुताबिक कर्मचारियों की कमी दूर होने के बाद विदेशी सैलानियों की सुविधा में उच्चीकरण के साथ ही इनका विस्तार किया जाएगा। विदेशी सैलानियों की सुविधा के लिए रेल प्रशासन प्रतिबद्ध है, आने वाले समय में सैलानियों की सुविधाओं में विस्तार व उच्चीकरण प्राथमिकता पर किया जाएगा। -आनंद मोहन, स्टेशन निदेशक, कैंट रेलवे स्टेशन।