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तब स्वस्थ व निरोग रहेगी धान की नर्सरी, किसानों को बरतें विशेष सावधानी, बढ़ेगा उत्पादन

नर्सरी स्वस्थ व निरोग होगी तो उत्पादन बढ़ेगी। धान की स्वस्थ नर्सरी का आशय है कि खर पतवार एवं रोग से मुक्त हो तथा आवश्यक तत्वों की सतत् व संतुलित मात्रा में आपूर्ति होती रहे।

By Vandana SinghEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 04:31 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 05:42 PM (IST)
तब स्वस्थ व निरोग रहेगी धान की नर्सरी, किसानों को बरतें विशेष सावधानी, बढ़ेगा उत्पादन
तब स्वस्थ व निरोग रहेगी धान की नर्सरी, किसानों को बरतें विशेष सावधानी, बढ़ेगा उत्पादन

भदोही, जेएनएन। नर्सरी स्वस्थ व निरोग होगी तो उत्पादन बढ़ेगी। धान की स्वस्थ नर्सरी का आशय है कि खर पतवार एवं रोग से मुक्त हो, तथा आवश्यक तत्वों की सतत् व संतुलित मात्रा में आपूर्ति होती रहे। ऐसे में किसानों को बीजों के चयन, मात्रा, शोधन व उर्वरक प्रबंधन आदि से जुड़ी कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना होगा। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के कृषि वैज्ञानिक डा. आरपी चौधरी ने बताया कि प्रति हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई के लिए करीब साढ़े छह बिस्वा क्षेत्रफल में नर्सरी डालना चाहिए। बताया कि किसानों को 20 जून के पहले नर्सरी डाल देनी चाहिए।

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कितना लगेगा बीज

एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई के लिए महीन व बासमती धान 16 से 20 किलो, मध्यम धान 25 व मोटा धान 30 किलो बीज पर्याप्त होता है। उसर भूमि के लिए 40 किलो बीज की नर्सरी डाली जा सकती है। विशेषकर नर्सरी डालते समय जगह कम नहीं करना चाहिए। कारण है कि अधिक घना होने के चलते पौधे पतले हो जाते हैं।

उर्वरक प्रबंधन व बीज शोधन

 नर्सरी डालते समय प्रति बिस्वा डेढ़ से दो कुंतल सड़ी गोबर के साथ सवा दो किलो डीएपी, 1.9 किलो यूरिया, आठ सौ ग्राम क्यूरेट आफ पोटा, व दो सौ ग्राम जिंक सल्फेट नर्सरी डालने के पूर्व खेत मिला देना चाहिए।

कैसे करें बीज शोधन

 बीज शोधन अनिवार्य रूप से करना चाहिए। इससे नर्सरी जीवाणु झुलसा, झोंका, शीथ झुलसा आदि रोगों से मुक्त हो जाती है। बीज शोधन के लिए चार ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लीन तथा 60 ग्राम कार्बेंडाजिम दवा को 40 लीटर पानी का घोल तैयार कर उसी में 25 किलो की दर से बीज को 12 घंटे तक भिगोकर रख देना चाहिए। इसके पश्चात निकालकर 24 घंटे के लिए छायादार स्थान पर जूट के बोरे से ढंककर रख देना चाहिए। इतने से बीज शोधित हो जाता है।

महीन धान को बाजार का ही सहारा

कृषि विभाग की ओर से भले ही किसानों को अनुदान पर देने के लिए आठ सौ कुंतल धान आने का दावा किया जा रहा है। लेकिन किसानों को मंसूरी सहित अन्य महीन प्रजाति के धान बीजों के लिए खुले बाजार का ही सहारा लेना पड़ेगा। जिले में कुल 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की रोपाई का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग की ओर से आठ सौ कुंतल धान बीज की आपूर्ति की गई है। जिसे 60 फीसद अनुदान पर वितरित किया जाएगा। उपकृषि निदेशक अरबि‍ेंद कुमार सिंह ने बताया कि सियाट्स वन के साथ महीन प्रजाति के आई आर 64 व एचक्यू आर 105 प्रजाति का बीज आया है। ऐसे में  बेहद पसंद की जाने वाली मंसूरी, कालाजीर, गंगा कावेरी जैसी प्रजाति के बीजों के लिए किसानों खुले बाजार के सहारे ही रहेंगे। 

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