बीएचयू में छात्राओं की हुई जीत, लंबी छुट्टी पर भेजे गए छेड़खानी के आरोपित प्रो. एसके चौबे varanasi news
छेड़खानी के आरोपित प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त करने की मांग पर डटीं छात्राओं का संघर्ष आखिरकार रंग लाया।
वाराणसी, जेएनएन। छेड़खानी के आरोपित प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त करने की मांग पर डटीं छात्राओं का संघर्ष आखिरकार रंग लाया। विवि प्रशासन ने प्रो. चौबे को तत्काल छुट्टी पर भेजते हुए मामले को दोबारा कार्यकारिणी परिषद में रखने का निर्णय लिया है। वहीं छात्राओं ने साढ़े सत्ताइस घंटे से चल रहे धरना-प्रदर्शन को रविवार रात समाप्त करते हुए अपनी जीत का जश्न मनाया। शैक्षणिक भ्रमण पर छात्राओं संग अश्लील हरकत व छेड़खानी मामले में चली लंबी जांच में जंतु विज्ञान के प्रोफेसर को दोषी पाया गया था। इसके बाद सात जून को संपन्न कार्यकारिणी परिषद की बैठक में उन्हें बड़ी सजा दी गई।
इसके मुताबिक वे केवल अध्यापन ही कर सकते थे। उन्हें न तो भविष्य में कोई प्रशासनिक पद मिल सकता था और न ही वे किसी अन्य विवि में आवेदन ही कर सकते थे। इतने के बाद भी जब प्रो. चौबे ने क्लास लेना शुरू कर दिया तो परिसर में चर्चाओं का बाजार एक बार फिर गर्माने लगा। पीड़ित छात्राएं खुद को ठगा सा महसूस करने लगीं और विवि प्रशासन के खिलाफ लामबंद होने लगीं और आखिरकार शनिवार शाम करीब 6 बजे बीएचयू सिंहद्वार पर धरने पर बैठ गई। देर रात तक विवि प्रशासन की ओर से तीन चरणों में वार्ता की गई, जो विफल रही। छात्राएं कुलपति को बुलाने पर अड़ी रहीं।
रविवार शाम जब कुलपति प्रो. राकेश भटनागर दिल्ली से वापस लौटे तो सबसे पहले छात्राओं के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। शाम करीब सात बजे एसपी सिटी दिनेश सिंह व एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह छात्राओं संग कुलपति आवास पहुंचे। करीब दो घंटे तक बातचीत चली। छात्राओं ने अपना पक्ष मजबूती से रखा। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए विवि प्रशासन ने प्रो. एसके चौबे को तत्काल प्रभाव से लंबी छुट्टी पर भेज दिया। साथ ही मामले में पुनर्विचार के लिए कार्यकारिणी परिषद के समक्ष रखने का भी निर्णय लिया गया।
कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने कहा कि विवि परिसर में किसी भी तरह का लैंगिक भेदभाव या उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में पांच छात्र-छात्राएं शामिल थीं। वहीं विवि की ओर से कुलपति सहित रेक्टर प्रो. वीके शुक्ल, चीफ प्राक्टर प्रो. ओपी राय, विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी आदि थे। छात्राओं ने मनाया जीत का जश्न - कुलपति संग वार्ता में लिखित आश्वासन व त्वरित कार्रवाई के बाद रात नौ बजे छात्राओं का प्रतिनिधिमंडल वापस सिंह द्वार गेट पर पहुंचा। विचार-विमर्श के बाद रात 9.30 बजे धरना समाप्त हुआ। इसके बाद छात्राओं ने अपनी जीत का जश्न मनाते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। प्रियंका के नाम से पोस्ट ने गर्मा दी सियासत - धरना-प्रदर्शन के बीच सोशल साइट पर प्रियंका के नाम से छात्राओं के पक्ष में किए गए पोस्ट ने सियासी हलचल मचाए रखी। पोस्ट में उन्होंने विवि प्रशासन पर सवाल उठाते हुए लिखा- 'बेटी बचाओ अभियान अब बेटियां खुद चालाएंगी।' इससे न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हुई, बल्कि इसमें शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने भी उपस्थित दर्ज कराते हुए खबरों की कटिंग शेयर की।
चस्पा किए जाएंगे दिशा-निर्देश - विवि में यौन उत्पीड़न मामलों की रोकथाम के लिए उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में महिला कर्मचारियों व छात्रों के लैंगिक उत्पीड़न के निराकरण, निषेध एवं इसमें सुधार विनियम के तहत दिशा-निर्देश से पहले ही विश्वविद्यालय के सभी को अवगत कराया गया है। अब इन दिशा-निर्देशों को सभी विभागों के सूचना पट्ट पर चस्पा करने के लिए निर्देश जारी किया जाएगा।
पहले से स्थापित है आंतरिक शिकायत समिति - प्रावधानों के अनुरूप विवि में पहले से ही आंतरिक शिकायत समिति संचालित है, जिसमें विवि के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के अतिरिक्त गैर शासकीय संगठनों के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल हैं। इसके अलावा विवि के सभी संकायों में एवं विवि स्तर पर महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ सक्रिय है।