मदरसा परिसर के यतीमखाने पहुंची जलकल की टीम, अधूरा काम छोड़कर लौटी
एक तरफ नगर निगम स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकता तो शैक्षणिक संस्थान में पिछले छह माह से मल-जल की समस्या का कोई समाधान नहीं कर पाया। दैनिक जागरण के 23 सितंबर के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद जलकल की मौके पर पहुंची।
वाराणसी, जेएनएन। एक तरफ नगर निगम स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकता, तो शैक्षणिक संस्थान में पिछले छह माह से मल-जल की समस्या का कोई समाधान नहीं कर पाया। दैनिक जागरण के 23 सितंबर के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद जलकल की मौके पर पहुंची, लेकिन काम पूरा किए बिना ही लौट गई। वहीं दोपहर बाद मलेरिया विभाग की टीम ने पहुंचकर परिसर में एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव किया।
विगत छह माह से परिसर में जलजमाव व सीवर चोक की समस्या बनी हुई है। समाज सेवी अब्दुल मतीन कैफी इसका कारण मदरसे की सीवर लाइन से कमन गढ़हा क्षेत्र की सीवर लाइन को जोड़ना मानते हैं। बताते हैं कि क्षेत्र में जलजमाव की समस्या पुरानी है। एक दिन की बारिश के बाद चार दिन तक लोग मुसीबत झेलते हैं। इससे निजात दिलाने के लिए यतीमखाने के गेट से आगे तक लाइन बिछाई गई है और जीटी रोड से 20-25 फीट पहले ही रोक दिया गया। जबकि जीटी रोड से स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज सिस्टम के तहत पाइप लाइन गुजरी है। यदि इस लाइन को जीटी रोड की लाइन से जोड़ दिया जाए तो काफी हद तक लोगों को राहत मिल सकती है। जामिआ यतीमखाना मजहरुल उलूम के प्रबंधक मौलाना अखलाक अहमद के मुताबिक सुबह जलकल की गाड़ी आई थ्ाी। काफी हद तक पानी निकाला भी, बावजूद इसके अब भी मल-जल लगा हुआ है। उम्मीद है कि अधिकारीगण बच्चों के भविष्य को देखते हुए मामले को गंभीरता से लेंगे।
पहुंची मलेरिया विभाग की टीम
जिला मलेरिया अधिकारी डा. शरद चंद पांडेय के मुताबिक जल-जमाव के कारण संक्रामक रोगों के साथ ही डायरिया, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया की समस्या बनी रहती है। ऐसे क्षेत्रों में एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव समय-समय पर कराया जाता है। बुधवार को मलेरिया विभाग के कर्मचारी गौरी प्रसाद यादव, असगर अली व मोहम्मद सेराज ने पहुंचकर परिसर में जहां भी जल-जमाव था, वहां एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव किया।