Move to Jagran APP

भारतीय संस्कृति को अक्षुण्‍ण बनाए रखने में भाषाओं की भूमिका अहम : डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि संस्कृति को अक्षुण्‍ण बनाए रखने में भाषाओं की भूमिका काफी अहम है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 01:52 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 10:20 PM (IST)
भारतीय संस्कृति को अक्षुण्‍ण बनाए रखने में भाषाओं की भूमिका अहम : डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय
भारतीय संस्कृति को अक्षुण्‍ण बनाए रखने में भाषाओं की भूमिका अहम : डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय

वाराणसी, जेएनएन। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि संस्कृति को अक्षुण्‍ण बनाए रखने में भाषाओं की भूमिका काफी अहम है। इस सभी भाषाओं में देवभाषा संस्कृत की भूमिका विशेष है। देवभाषा संस्कृत और हिंदी समय के साथ अपने को ढालते हुए अपने मूल स्वरूप को बनाए रखा। दुनिया की अन्य संस्कृति मानवजनित है वहीं हमारी संस्कृति ही देव जनित है।

loksabha election banner

वह मंगलवार को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय 'सांस्कृतिक चेतना के उत्कर्ष में शिक्षा एवं भाषा का अवदान' विषयक संगोष्ठी के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्मकांड की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी है। कौशल विकास एवं उद्यमिता कैबिनेट मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि शास्त्रीय अध्ययन (कर्मकांड) को कौशल विकास मंत्रालय से जोड़ा जाएगा। मंत्रालय ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है। जरूरत पड़ी तो इस बाबत अलग से काउंसिल बनाई जाएगी। कौशल विकास से जुडऩे के बाद कर्मकांड अध्ययन करने वाले युवाओं को अलग से सर्टिफिकेट मिलना भी तय है। कर्मकांड अध्ययन करने वाले युवा वेरीफाई स्किल वेल कर्मकांडी होंगे। इनकी पहचान भी समाज में अलग होगी।

उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बावजूद देवभाषा संस्कृत और हिंदी इतनी प्रबल है कि समय के साथ अपने को ढाल लिया है। आधुनिकता के साथ-साथ चरित्र निर्माण, व्यक्ति निर्माण और अपनी संस्कृति को भी संस्कृत और हिंदी समेटे हुए है। यही कारण है कि तमाम चुनौतियों के बाद मानव को मशीन नहीं बनने दिया। हिन्दुस्तानी अकादमी, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजाराज शुक्ला ने की। संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह, अकादमी के अध्यक्ष डॉ. उदयप्रताप सिंह सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. प्रेम नारायण सिंह और धन्यवाद ज्ञापन संकायाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र कुमार ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.