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अब दूल्हा, दुल्हन के साथ ही बैंड, बाजा और बरातियों पर भी चढ़ रहा थीम का जादू

वाराणसी में पिछले कुछ वर्षो में वैवाहिक समारोह में थीम पार्टीज का चलन बढ़ा है। अब दूल्हा दुल्हन के साथ ही बराती भी थीम के अनुसार तैयार होकर शादी में शामिल होने लगे हैं।

By Edited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:38 AM (IST)
अब दूल्हा, दुल्हन के साथ ही बैंड, बाजा और बरातियों पर भी चढ़ रहा थीम का जादू
अब दूल्हा, दुल्हन के साथ ही बैंड, बाजा और बरातियों पर भी चढ़ रहा थीम का जादू

वाराणसी [वंदना सिंह]। पिछले कुछ वर्षो में वैवाहिक समारोह को विशेष बनाने के लिए थीम पार्टीज का चलन बढ़ा है। इसमें शादी समारोह से लेकर दूल्हा व दुल्हन के परिधान आदि भी थीम आधारित होते हैं। खास बात यह कि इन पार्टीज में मेहमान भी अब थीम के मुताबिक ही तैयार होकर शामिल हो रहे हैं। इसके साथ ही थीम पार्टीज में अब एंकर की भी विशेष भूमिका हो गई है। बरात का मंडप में प्रवेश से लेकर संगीत, मेहंदी, विदाई हर समारोह को अपने शब्दों से खास बनाने के लिए एंकर को लोग हायर कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस बार वेडिंग थीम पार्टीज में क्या है नया जो इस वेडिंग सीजन में मचाएगा धूम।

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आर्गनाइजर व वेडिंग प्लानर संजय सेठ बताते हैं कि वेडिंग डेकोरेशन में इस वक्त कलर थीम बूम पर है। इसमें एक ही रंग के कपडे़ व नकली एवं असली फूलों को मिलाकर डेकारेशन किया जा रहा है जिसमें इस बार ब्लैक और रेड, पिंक व सिल्वर का काबिनेशन पसंद किया जा रहा है। खास बात यह कि कलर थीम के अनुसार ही दूल्हा दुल्हन के परिधान भी होते हैं। आजकल तो वर व वधु पक्ष वालों की कोशिश रहती है कि जो मेहमान आएं वह भी थीम पार्टी के कलर के अनुसार ही कपड़े पहन कर आएं। करीब 30 प्रतिशत शादियों में मेहमान थीम पार्टी व कलर को फालो भी कर रहे हैं। इसे देखकर ऐसा लगता है आने वाले दो सालों में यह चलन पूरी तरह छा जाएगा जिसमें मेहमान भी थीम के अनुसार तैयार होकर आएंगे।

संजय ने बताया कि वेडिंग स्थल के मुख्य द्वार पर परियों की टोली रखी जा रही है जो मेहमानों का स्वागत करती है। इस वक्त राजस्थानी व रजवाड़ा थीम ज्यादा पसंद किया जा रहा है। जब दूल्हा दुल्हन जयमाल के लिए आते हैं तो बिल्कुल राजशाही अंदाज में उनके साथ सेवकों को लगाया जाता है और ढोल ताशे, शखनाद के बीच जयमाल होता है। आजकल वेडिंग डेकारेशन में डिम लाइट पर जोर दिया जा रहा है यह कुछ कैंडिल लाइट की तरह होता है। लेजर व स्पाट लाइट भी खूब प्रयोग हो रहा है। जहा तक खाने की बात है तो सुबह ए बनारस का नाश्ता जिसमें कचौड़ी, सब्जी, जलेबी और शाम के नाश्ते में पसंद किया जाने वाला समोसा, छोला व लौंगलता भी विवाह समारोह के भोजन में इस वक्त छाया हुआ है।

खाने की स्टाल की सजावट में मिठाइयों को लेकर प्रयोग हो रहा है। जैसे दिल के आकार की बड़ी जलेबी यानी कुछ अलग प्रस्तुति लोगों को भा रही है। सजावट के लिए हर कोना प्रयोग किया जा रहा है। सेल्फी जोन तो बेहद जरूरी हो गई है। जहा लोग फोटो सेशन करवाते हैं और तुरंत उसकी कापी उन्हें दी जाती है। इसमें भी थीम होती है और इसे ऐसे तैयार किया जाता है कि इसमें दूल्हा दुल्हन का नाम हो इससे यह हमेशा याद रहेगा कि यह फोटो किसकी शादी में ली गई थी। शादी के हर समारोह में पिछले दो तीन सालों से एंकर द्वारा एंकरिंग का चलन बढ़ा है मगर इस बार वेडिंग सीजन में तो ज्यादातर जगहों पर एंकर शादी में बरातियों का स्वागत अपनी खनखनी हुई आवाज में कर रही हैं।

इसमें बरात के द्वार पर आते ही एंकर एनाउंस करती है। पूरी लाइव शादी का वर्णन एंकर द्वारा किया जाता है। एंकर मिली बताती हैं कि अक्सर शादियों में रिश्तेदारों की शिकायत रहती है कि उन्हें स्टेज पर नहीं बुलाया गया और भूल गए। ऐसे में अब वर व वधु पक्ष वाले एंकर को शादी से पहले ही एक सूची देते हैं जिसमें उनके खास रिश्तेदारो के नाम होते हैं और शादी में एंकर उनका नाम लेकर मंच पर फोटो सेशन के लिए आमंत्रित करती है। जब दुल्हन जयमाल के लिए आती है तो उसके आने की सूचना भी एंकर रोचक अंदाज में लोगों को देती है। यह सब कुछ रोमाचित कर देने वाला होता है और लगता है कि कोई फिल्म चल रही है।

इस दौरान एंकर व्यवस्था को भी एनाउंस करके मैनेज करने का काम करती है। मिली बताती हैं अब तो शादी के हर समारोह यानी हल्दी, मेहंदी, संगीत, शादी, रिसेप्शन में लोग एंकर को हायर करते हैं। इसमें पैकेज या जो भी समारोह हो उसके मुताबिक पेमेंट होता है जो आर्गनाइजर के जरिया या फिर क्लाइंट खुद एंकर को हायर करते हैं। कुल मिलाकर शादी में इस वक्त एंकर की भूमिका ठीक उस तरह हो गई है जैसे शादी कराने वाले पंडित जी की होती है।


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