Move to Jagran APP

पीएम स्वनिधि से ‘रिचार्ज’ हो गई मोबाइल की दुकान

फोटो---बंदी के कगार पर थी मोबाइल की दुकान पीएम स्वनिधि से च्रिचार्जज्

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 04:02 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 04:02 AM (IST)
पीएम स्वनिधि से ‘रिचार्ज’ हो गई मोबाइल की दुकान

पीएम स्वनिधि से ‘रिचार्ज’ हो गई मोबाइल की दुकान

loksabha election banner

-कोरोना काल में बंदी के कगार पर पहुंच गई थी बनारसी साव की दुकान

-योजना के बल पर दुकान संवारी, दूसरे चरण का लोन लेकर किया विस्तार

- जिले में पहले चरण में 32 हजार ने लिया ऋण, दूसरे के लिए 14 हजार को स्वीकृति

मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, वाराणसी

कोरोना काल में बंदी के कगार पर पहुंच गई बनारसी साव की मोबाइल की दुकान फिर ‘रिचार्ज’ हो गई है। महामारी के दौरान संकट मोचन मंदिर के पास उनको अपनी मोबाइल रिचार्ज व एक्सेसरीज की दुकान चलाना मुश्किल हो गया था। लेकिन जैसे ही पीएम स्वनिधि योजना शुरू हुई तो उन्हें 10 हजार रुपये का ऋण मिल गया और दुकान चल पड़ी। घर का खर्च भी निकलने लगा। दुकान से अच्छी कमाई होने लगी तो तुरंत ऋण भर दिया। अब तो इस योजना के तहत दूसरे चरण में 20 हजार रुपये ऋण लेकर दुकान को और विस्तार दे दिया है। केवल बनारसी ही नहीं, स्वनिधि योजना से नगवां की किरन यादव, जीवनाथपुर के विनय कुमार भी दूसरे चरण में 20-20 हजार रुपये ऋण लेकर अपने रोजगार को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी प्रकार जिले के 14 हजार उन लोगों के दूसरे चरण का ऋण स्वीकृत किया गया है जिन्होंने पहले चरण में लिए ऋण का समय पर भुगतान कर दिया।

छोटे दुकानदार, ठेला, पटरी वालों के रोजगार को और आगे बढ़ाने के लिए जून 2020 में पीएम स्वनिधि योजना शुरू की गई थी। इसके तहत दुकानदारों को बिना किसी खानापूर्ति के ही 10 हजार रुपये ऋण दिया जाता है। इसके तहत प्रथम चरण में जिले के करीब 32 हजार ठेले, खोमचे वाले मामूली ब्याज पर ऋण प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें लगभग 31 करोड़ की राशि दी जा चुकी है। दूसरे चरण में उन्हें 20 हजार रुपये ऋण मिलेगा। तीसरे चरण में 50 हजार ऋण प्राप्त करने का मौका मिलेगा। पूरे देश में बेहतर प्रदर्शन पर वाराणसी को प्रथम पुरस्कार भी मिल चुका है।

ऐसे होता है पीएम स्वनिधि के लाभार्थी का चयन :

अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) अभय प्रकाश श्रीवास्तव बताते हैं कि छोटे दुकानदार, ठेला, पटरी वालों का सर्वे डूडा (जिला शहरी विकास प्राधिकारण) की ओर से सर्वे किया जाता है। इसके बाद डूडा ही आनलाइन पोर्टल पर सूची अपलोड करता है। इसके बाद विभिन्न बैंक इसमें से अपने खाताधारक छाटते हैं। इसी के आधार पर उनको स्टांप कर मुक्त ऋण स्वीकृत किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.