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सूर्य की महल प्राणवायु के लिए आवश्यक

अस्मिता चाइल्ड लाइन सभागार मे बुधवार को काशी के प्रबुद्ध लोगो ने शहर को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया।

By Edited By: Published: Wed, 17 Jan 2018 09:34 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jan 2018 09:08 AM (IST)
सूर्य की महल प्राणवायु के लिए आवश्यक
सूर्य की महल प्राणवायु के लिए आवश्यक

जागरण संवाददाता, वाराणसी : अस्मिता चाइल्ड लाइन सभागार मे बुधवार को काशी के प्रबुद्ध लोगो ने शहर को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया। इस अंतरधार्मिक संवाद मे सौर ऊर्जा के अधिकाधिक प्रयोग से वायु प्रदूषण का समाधान निकालने पर मंथन किया गया। सवाद मे वाराणसी एव आसपास के जिलो से विभिन्न धर्मो के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी प्रतिनिधियो ने सवाद के दौरान शपथ ली कि उनके द्वारा सौर ऊर्जा के अधिकतम उपयोग की पहल की जाएगी।

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जहां तक संभव हो स्वय भी अपने धार्मिक परिसरो मे भी छतो पर सौर ऊर्जा घर को बढ़ावा दिया जाएगा। सवाद मे सभी धर्मो के प्रतिनिधियो ने स्वीकारा कि सूर्य सभी धर्मो मे उपासना और शक्ति का प्रतीक है। इस प्रतीक को ही अधिकतम उपयोग मे लाना होगा और कोयला व डीजल का पूर्ण विकल्प बनाना होगा।

इस अतरर्धार्मिक सवाद का आयोजन भू-सेवा जल सेवा अभियान, सर्वोदय विकास समिति और केयर फॉर एयर संस्था द्वारा किया गया। संवाद मे एकता शेखर ने आयोजन का मकसद समझाया। फादर आनद ने सौर ऊर्जा नीति पर प्रकाश डाला और कार्बन उत्सर्जन कम करने के विविध विकल्पो को समझाया।

सवाद मे प्रो. सुधाकर मिश्रा, मुफ़्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, सूफी सत मौलाना हारुन नक्शबदी, फादर पी. विक्टर, अमनप्रीत सिह, डा. कमलेश कुमार जैन, डा. सुमेध थेरो, देवेद्र दास, प्रमोद कुमार आर्य सहित सभी प्रमुख धर्मो के गणमान्य लोग मौजूद रहे।


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