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एनएच की पटरियों पर परवल बेचने को बाध्य हैं किसान, शासन को राजस्व की हो रही क्षति

किसानों को अपना उत्पाद राष्ट्रीय राजमार्ग के पटरियों पर रखकर बेचना पड़ रहा है। इसके कारण शासन का राजस्व की क्षति हो रही है ।

By Vandana SinghEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 02:13 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 04:18 PM (IST)
एनएच की पटरियों पर परवल बेचने को बाध्य हैं किसान, शासन को राजस्व की हो रही क्षति

बलिया, जेएनएन। प्रदेश सरकार की ओर से कृषकों के उत्पादन का उचित मूल्य मिलने के लिए अनेक प्रोत्साहन योजनाएं चलाई जा रही है मगर उसका लाभ धरातल पर मिलना मुश्किल दिख रहा है। किसानों के उत्पादन के लिए बाजार उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र में उप कृषि मंडियों का निर्माण कराने की योजना संचालित है लेकिन विकास खंड बेलहरी में हल्दी व सोनवानी में बनी उप मंडियां अनुपयोगी स्थान पर निर्मित होने के कारण उनकी कोई उपादेयता नहीं रह गई है। मजबूरन किसानों को अपना उत्पाद राष्ट्रीय राजमार्ग के पटरियों पर रखकर बेचना पड़ रहा है। इसके कारण शासन का राजस्व की क्षति तो हो ही रही है वहीं सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है।

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क्षेत्र के हल्दी, रुद्रपुर, धर्मपुरा, मझौवां, गायघाट, बाबूबेल, नीरुपुर, सीताकुंड आदि स्थानों पर सड़क के पटरियों पर परवल की मंडियां संचालित हो रही हैं। क्षेत्र के हल्दी, बादिलपुर, बाबूबेल, पोखरा, गायघाट, रुद्रपुर, जगछपरा, शुक्ल छपरा, धर्मपुरा, मझौवां, पचरुखिया, दुर्जनपुर, मीनापुर, श्रीनगर, उदई छपरा आदि दियरांचलों में हजारों एकड़ खेतों में परवल की खेती हो रही है। किसान विपणन व भंडारण की सुविधा न होने के कारण सड़क की पटरियों पर ही अपना उत्पादन औने-पौने दामों में बेचने को बाध्य हैं। कृषकों ने शासन -प्रशासन से उचित स्थान पर उप मंडी समितियों का निर्माण कराने की मांग की है।

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