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पूर्वांचल की नदियों का कम होता जलस्‍तर भी तटवर्ती लोगों के लिए बना मुसीबत

पूर्वांचल में जैसे जैसे प्रमुख नदियों का जलस्‍तर कम होता जा रहा है वैसे वैसे ही वह अपने पीछे दुश्‍वारियों का पहाड़ छोड़ती जा रही हैं। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अब आगे सभी प्रमुख नदियों का जलस्‍तर दिन प्रतिदिन कम ही होना है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:31 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 01:44 PM (IST)
आगे सभी प्रमुख नदियों का जलस्‍तर दिन प्रतिदिन कम ही होना है।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में जैसे जैसे प्रमुख नदियों का जलस्‍तर कम होता जा रहा है वैसे वैसे ही वह अपने पीछे दुश्‍वारियों का पहाड़ छोड़ती जा रही हैं। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अब आगे सभी प्रमुख नदियों का जलस्‍तर दिन प्रतिदिन कम ही होना है। ऐसे में नदियां अपने पीछे निचले स्‍थानों में पानी और कीचड़ के साथ ही मच्‍छरों के पनपने का इंतजाम और संक्रामक रोगों की दुश्‍वारी संग सड़ते पानी का बदबू भी छोड़ती जा रही हैं।

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मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिले में सरयू नदी का जलस्‍तर लगातार कम हो रहा है मगर नदी का कम होता जलस्‍तर भी तटवर्ती इलाकों में कटान करता जा रहा है। अ‍केले बलिया जिले में ही इस बार गंगा और सरयू नदियों ने तटवर्ती इलाकों की करीब सौ एकड़ जमीन लील ली है। वहीं कई किसानों की लगभग तैयार हो चुकी खेती भी नदी में समा गई। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को बलिया जिले के तुर्तीपार में सरयू नदी का जलस्‍तर 62.95 मीटर दर्ज किया गया। नदी का यही जलस्‍तर चौबीस घंटों से स्थिर बना हुआ है।

दोपहर में केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पूर्वांचल में गंगा नदी का जलस्‍तर मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर आैर बलिय में स्थिर बना हुआ है। वहीं जौनपुर में भी गोमती नदी का जलस्‍तर स्थिर है तो दूसरी ओर सोनभद्र में रिहंद बांध, बाण सागर बांध और सोन नदी का जलस्‍तर बढ़ रहा है। जबकि बलिया के तुर्तीपार में सरयू का जलस्‍तर स्थिर हो गया है, जो फ‍िलहाल चेतावनी बिंदु से करीब 0.06 मीटर नीचे है। हालांकि बारिश होने की स्थिति में नदियों के जलस्‍तर में मामूली उतार चढ़ाव की स्थिति आ सकती है। वहीं कम होता नदियों का जलस्‍तर तटवर्ती इलाकों में कटान करने के अलावा संक्रामक रोगों का वाहन भी ठहरा हुआ पानी बन रहा है। डायरिया, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां इन इलाकों में बढ़ने की संभावना बढ़ गई है।


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