सरयू नदी का जलस्तर घटने के बाद फिर बढ़ा, नदियां अपने पीछे छोड़ती जा रही हैं समस्याएं
पूर्वांचल की अब सभी प्रमुख नदियों और बांधों का रुख अब धीरे धीरे ही सही मगर घटाव की ओर है हालांकि बादलों की सक्रियता बनी रहने से दोबारा नदियों और बांधों में मामूली बढ़ाव का रुख हो सकता है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल की अब सभी नदियों और बांधों का रुख अब घटाव की ओर है, हालांकि बादलों की सक्रियता बनी रहने से दोबारा नदियों और बांधों में मामूली बढ़ाव का रुख हो सकता है। नदियाें का जलस्तर कम होने से कुछ इलाकों में खेतों से पानी निकलने के बाद किसान खेती किसानी की ओर लौट रहे हैं तो कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी अब भी रुका होने से लोगों को दुश्वारी झेलनी पड़ रही है। नदियों के छाड़न की वजह से कीचड आैर बदबू का जहां दौर है वहीं जमे हुए पानी के सड़ने से संक्रामक रोगों के प्रसार की आशंका बढ़ी है। जबकि पानी में मच्छरों के पैदा होने से मलेरिया और डेंगू का खतरा भी इन इलाकों में मंडरा रहा है।
सोमवार की सुबह केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बलिया के तुर्तीपार में सरयू का जलस्तर घटाव की ओर है। रविवार को यह जहां चेतावनी बिंदु से 0.10 मीटर कम था वहीं सोमवार की सुबह 0.08 मीटर बढ़कर 62.99 मीटर पर हो गया जो चेतावनी बिंदु से 0.02 मीटर कम है। हालांकि नदी में अब बाढ़ आने की संभावना कम ही है लेकिन बारिश होने और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है।
सोमवार की दोपहर केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर में गंगा का जलस्तर स्थिर है वहीं बलिया जिले में गंगा का जलस्तर घटाव की ओर है । जबकि जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर इस समय स्थिर है वहीं सोनभद्र में सोन नदी और बाण सागर बांध का जलस्तर बढ़ रहा है और रिहंद बांध का जलस्तर स्थिर है। पूर्वांचल में प्रमुख नदियों का जलस्तर इस समय भले ही कुछ कम हो रहा हो लेकिन इसकी वजह से अब तटवर्ती इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक रोग बढ रहा है।