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खुलासा : पशु तस्करों के लिए जारी हो रहे हैं हाइवे किनारे के थानों से 'टेंडर'

पुलिस महकमे से ही बड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि इलाहाबाद - वाराणसी मार्ग पर पशु तस्करी के लिए टेंडर जारी हो रहे हैं, ऐसे ही एक मामले का खुलासा हुआ है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 12:02 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 12:02 PM (IST)
खुलासा : पशु तस्करों के लिए जारी हो रहे हैं हाइवे किनारे के थानों से 'टेंडर'

वाराणसी (जेएनएन) । पुलिस महकमे से ही बड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि इलाहाबाद - वाराणसी मार्ग पर पशु तस्करी के लिए टेंडर जारी हो रहे हैं। पशु तस्करों के बीच हर महीने बोली लगती है और जिसका रेट अधिक होता है उसे उस थाने से अभयदान मिल जाता है और पुलिस विरोधी गैंग के पीछे पड़ जाती है। इस खेल का मास्टरमाइंट इलाहाबाद का मुजफ्फर बताया जा रहा है जिसने इलाहाबाद, भदोही, वाराणसी होते हुए चंदौली-बिहार के बार्डर तक अपना नेटवर्क फैला रखा है। 

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31 मई 2013 को भदोही के सिपाही अशोक यादव को पशु तस्करों ने गाड़ी से कुचलकर मार डाला था। पुलिस ने मुख्य आरोपी पशु तस्कर मुजफ्फर निवासी  नवाबगंज थाना, बेगम बाजार इलाहाबाद को गिरफ्तार किया था। जमानत पर बाहर आने के बाद मुजफ्फर ने फिर अपना जाल फैलाया और अपने धंधे में उसने पुलिस को मिलाना शुरू किया। शुरुआत भदोही-वाराणसी मार्ग के थानों, पुलिसकर्मियों से की। पुलिस से मिलीभगत का खुलासा होने पर इलाहाबाद के सिपाही सुरेश सिंह व देवेश सिंह को निलंबित किया गया था। वर्तमान में मुजफ्फर ने वाराणसी-इलाहाबाद हाइवे मार्ग व सपंर्क मार्गों पर पडऩे वाले थानों को अपना चारा फेंकना शुरू किया। चार दिन पहले मामला तब पकड़ में आया जब मुखबिर ने बड़ागांव पुलिस को पशु तस्करी की सूचना दी लेकिन कोई कवायद नहीं होने पर मुखबिर सीओ बड़ागांव के पास पहुंचा और उसने सीओ की मदद से पशु तस्करों को पकड़वाया। 


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