वाराणसी में बालिका वधू बनने से बची किशोरी, इटावा से आई बरात बिना दूल्हन के ही बैरंग लौटी
वाराणसी में बालिका वधू बनने से एक किशोरी बच गई। दरअसल इटावा से आई बरात में दूल्हा अधेड़ था तो दूल्हन किशोरी थी। विरोध होने के बाद लोगों के समझाने के बाद आखिरकार बरात बिना दूल्हन के ही लौट गई।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। चोलापुर में नाबालिग वधू ने बुआ को बताया कि उसकी शादी अधेड़ से जबरन की जा रही है। इसके बाद नाराजगी और शिकायत करने के साथ ही बालिका ने विवाह से इन्कार कर दिया। हालांकि, काफी मशक्कत के बाद उसके माता-पिता भी बेटी के फैसले से सहमत हुए और बारात बिना दुल्हन के ही बैरंग लौट गई। मामले की जानकारी पुलिस को हुई लेकिन दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से शादी नहीं करने की बात कही। इसके बाद बारात वापस लौट गई।
चोलापुर थाना क्षेत्र के दानगंज चौकी अंतर्गत एक गांव में एक किशोरी से शादी के लिए इटावा का रहने वाला दूल्हा मंगलवार को स्वजनों के साथ पहुंचा हुआ था। शादी की बाद दोनों पक्षों की तरफ से कुछ दिनों पहले ही हुई थी। इसके बाद से ही किशोरी इस बात का विरोध दबी जुबान से करने लगी थी। मगर, विवाह के समय विरोध के स्वर को देखकर परिजनों और बारातियों ने भी अपने पैर पीछे खींच लिए।
नाबालिग वधू ने माता-पिता से अनुनय-विनय कर उन्हें शादी न करने के लिए मनाया। माता-पिता को भी अपनी गलती का एहसास हुआ। तथा उन्होंने अब बालिग होने के बाद ही बेटी की शादी करना तय किया। शादी करने पहुंचे लोग बुधवार की शाम को बैरंग लौट गए। इस बारे में एक सामाजिक संस्था ने दानगंज चौकी प्रभारी अरुण सिंह को नाबालिग की शादी की सूचना दी। उन्होंने वधू के पिता को बुलाकर पूछताछ किया लेकिन इसके पहले ही बिना शादी के बारात वापस जा चुकी थी।
इस बाबत क्षेत्र में नाबालिग की शादी को लेकर चर्चा रही कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अक्सर लोग वधू की तलाश में क्षेत्र में आते हैं। शादी तय होने के बाद पूरा खर्च उठाते हैं। कई बार तो वधू पक्ष को रुपये आदि भी देते हैं। इसके बाद शादी करके वधू को घर ले जाते हैं।