Move to Jagran APP

आजमगढ़ के सगड़ी इलाके मं पराली जलाए जाने के स्थान का सत्यापन करने पहुंची टीम, नहीं तलाश पाई सबूत

तहसील सगड़ी क्षेत्र के तीन स्थानों पर सेटेलाइट से पराली जलाने से संबंधित चिह्नित तीन स्थानों की फोटो भेजे जाने बाद बुधवार की देर शाम और गुरुवार को दिन में भी कृषि विभाग की टीम भौतिक सत्यापन के लिए पहुंची।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 10:27 PM (IST)
आजमगढ़ के सगड़ी इलाके मं पराली जलाए जाने के स्थान का सत्यापन करने पहुंची टीम, नहीं तलाश पाई सबूत
आजमगढ़ में सेटेलाइट से पराली जलाने के चिह्नित स्थान की जांच करने पहुंची टीम।

आजमगढ़, जेएनएन। तहसील सगड़ी क्षेत्र के तीन स्थानों पर सेटेलाइट से पराली जलाने से संबंधित चिह्नित तीन स्थानों की फोटो भेजे जाने बाद बुधवार की देर शाम और गुरुवार को दिन में भी कृषि विभाग की टीम भौतिक सत्यापन के लिए पहुंची। हालांकि, कई घंटे पड़ताल के बाद भी टीम सेटेलाइट से भेजे गए स्थान पर पराली जलाने का सबूत नहीं तलाश पाई। इतना जरूर दावा किया कि जिस स्थान को फोटो दर्शाया गया है वहां 100 से 200 मीटर की परिधि में कोई पराली नहीं जलाई गई है। इतना जरूर बताया कि 200 मीटर परिधि के अगल-बगल पशुओं को मच्छर से बचाव के लिए धुआं किया गया था।

loksabha election banner

 विकास खंड हरैया के एडीओ कृषि प्रदीप कुमार शर्मा व बिलरियागंज के शेरबहादुर ने सहायक तकनीकी प्रबंधकों के साथ हरैया के भदौरा ताल्लुका नैनीजोर, अजमतगढ़ के बाहापुर और बिलरियागंज के माही कर्मनाथपट्टी गांव में दर्शाए गए स्थान को देखा। ग्राम प्रधान, संबंधित खेत के किसान और ग्रामीणों से बात की। उसके बाद संंबंधित ग्राम प्रधानों से लिखित रूप से लिया गया कि चिह्नित स्थानों पर पराली जलाए जाने जैसी कोई घटना नहीं हुई है।

जुर्माना का प्रावधान

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-24 एवं 26 के अंतर्गत खेत में फसल अवशेष जलाना दंडनीय अपराध है। क्षतिपूर्ति के लिए दंड का निर्धारण किया गया है, जिसमें दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए प्रति घटना 2500 रुपये, दो एकड़ से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए प्रति घटना पांच हजार रुपये, पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15,000 रुपये दंड निर्धारित किया गया है। जबकि अपराध की पुनरावृत्ति करने पर कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया जाएगा।

जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देश पर पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसका नंबर-05462-220220 है। यह कंट्रोल रूम सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक संचालित रहेगा। किसान या कोई अन्य नागरिक जिले में कहीं भी पराली जलाए जाने की घटना इस नंबर पर पर उपलब्ध करा सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.