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हाथियों को नियंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल से पहुंची टीम, हाथियों को सुरक्षित वन क्षेत्र में भेजने की कोशिश

वन विभाग की टीम हाथियों को सुरक्षित वन क्षेत्र में भेजने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से टीम बुलायी गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 10:40 PM (IST)
हाथियों को नियंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल से पहुंची टीम, हाथियों को सुरक्षित वन क्षेत्र में भेजने की कोशिश

सोनभद्र, जेएनएन। बीजपुर व बभनी इलाके में छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांव जरहां, सिरसोती,बभनी के गांव में जंगली हाथियों के आतंक से जहां आम जनमानस काफी परेशान है वहीं ग्रामीणों की जान जाने से उनमें आक्रोश है। वन विभाग की टीम हाथियों को सुरक्षित वन क्षेत्र में भेजने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से टीम बुलायी गई है। 20 सदस्यीय टीम बीजपुर क्षेत्र में गुरुवार को पहुंच गई।

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पश्चिम बंगाल से आई पहली टीम के नेतृत्वकर्ता आशीष मंडल हैं। कहते हैं कि हमारी टीम में 13 लोग हैं। सभी लोग हाथियों को खदेडऩे व पकडऩे में माहिर हैं। हर हाल में इलाके में आए जंगली हाथियों को भगाने व खदेडऩे का पूरा प्रयास करेंगे। टीम में अमर लाइक, रामेश्वर हंसदा, गोवर्धन मुर्मू, कार्तिक लोहा, सुरेंद्रनाथ हंसदा, रानू बावरी, रंजीत परता, दुलाल राय, दीपक तारण लाइका, आशीष राय, विभूति राय, अतनु राय शामिल हैं।

हाथियों को भगाने के लिए एलीफेंट रिजर्व क्षेत्र सरगुजा भी सात सदस्य टीम आई है। के लीडर जेम्स एक्का ने बताया कि हाथियों के झुंड को को फिर से एलीफेंट रिजर्व क्षेत्र में ले जाने का प्रयास किया जाएगा। बताया कि सीमावर्ती छत्तीसगढ़ में जसपुर से लेकर सूरजपुर तक हाथियों का रिजर्व क्षेत्र है। जसपुर के पास बादल खोल  एवं सरगुजा सूरजपुर में तैमूर पिंगला एलीफेंट रिजर्व क्षेत्र में हाथियों का झुंड विचरण करता रहता है। छत्तीसगढ़ में हाथियों  के झुंड के विचरण के कारण होने वाली क्षति से निपटने के लिए वहां सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर लोगों को जागरूक किया गया है जो काफी कारगर हुआ है।

टीम ने की अपनी तैयारी

हाथियों को भगाने के लिए वन प्रभाग रेणुकूट के अधिकारियों के बुलाने पर गुरुवार को पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ की टीम भी दोपहर तक पहुंच गई। टीम द्वारा अभियान चालू करने से पहले पूरे क्षेत्र का मुआयना कर अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया। टीम द्वारा हाथियों को भगाने के लिए सूती बोरा , लोहे का छड़  , तार, जले मोबिल और डीजल से मशाल तैयार किया गया। छत्तीसगढ़ से आई टीम में तीन महावत शामिल हैं। जो हाथियों को दिशा प्रदान करेंगे। पश्चिम बंगाल से आई टीम के लीडर आशीष मंडल ने बताया कि रेणुकूट वन प्रभाग के अधिकारियों द्वारा हाथियों को जिस दिशा में भेजने का निर्देश दिया जाएगा।


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