फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे 11 शिक्षकों की सेवा समाप्त, जांच में फर्जी मिली थी डिग्री
दैनिक जागरण द्वारा बीते 11 अप्रैल को फर्जी बीएड की डिग्री से नौकरी करने वालों पर शिकंजा शीर्षक से खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित किया।
मीरजापुर, जेएनएन। डा. भीमराव अंबडेकर विश्वविद्यालय आगरा से फर्जी बीएड डिग्री लेकर नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद दैनिक जागरण द्वारा बीते 11 अप्रैल को फर्जी बीएड की डिग्री से नौकरी करने वालों पर शिकंजा, शीर्षक से खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित किया। मामले को संज्ञान लेते हुए व एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने जांच की और इस दौरान 11 शिक्षकों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया। जांच के दौरान शिक्षकों द्वारा कोई ठोस कागजात या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। अपर पुलिस महानिदेशक विशेष अनुसंधान दल के आधार पर बीएड डिग्री को अवैधानिक मानते हुए नियुक्ति को प्रारंभ से शून्य अर्थात सेवा समाप्त कर दिया।
बीएसए ने जनपद में सत्यदेव कुमार सिंह प्राथमिक विद्यालय ममोलापुर नरायनपुर, मनोरमा सिंह प्राथमिक विद्यालय मुस्किरा मडि़हान, राम दुलारी देवी प्राथमिक विद्यालय मठना जमालपुर, रमाशंकर सिंह प्राथमिक विद्यालय महेशपुर हलिया, मालती सिंह प्राथमिक विद्यालय पिड़खिर जमालपुर, उमेश चंद्र सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय केवटावीर मझवां, अर्चना कुशवाहा प्राथमिक विद्यालय चपगहना पहाड़ी, रीतू सिंह पूर्व कन्या विद्यालय जमुई मडि़हान, विद्या सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय लहास राजगढ़, शशिलता सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामनगर पहाड़ी और अर्चना सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय खानपुर सीखड़ की सेवा को समाप्त किया है।
क्या है मामला
डा. भीमराव अंबडेकर विश्वविद्यालय आगरा से फर्जी बीएड डिग्री लेकर नौकरी हथियाया था। स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) जांच में वर्ष 2004-05 और वर्ष 2005-06 की बीएड की डिग्री में भारी गड़बड़ी मिली है। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ और उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव द्वारा वर्ष 2004-05 के बाद डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से वर्ष 2004-05 और वर्ष 2005-06 में बीएड करने वाले शिक्षकों की नौकरी समाप्त करने का आदेश दिया है। जिसके बाद बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगते हुए कार्रवाई शुरु कर दिया था और अंतोगत्वा 11 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दिया।