Move to Jagran APP

वाराणसी में चाय विक्रेता हत्याकांड : असलहा सप्लायर व आटो चालक सहित तीन गिरफ्तार

चाय विक्रेता राम नारायण यादव की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में बुधवार को पुलिस ने फरार चल रहे असलहा सप्लायर व आटो चालक सहित तीन को दुर्गा मंदिर के समीप से गिरफ्तार कर लिया। सप्लायर के पास से 315 बोर का कंट्री मेड कट्टा भी बरामद हुआ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 10:17 AM (IST)
वाराणसी में चाय विक्रेता हत्याकांड : असलहा सप्लायर व आटो चालक सहित तीन गिरफ्तार
वाराणसी में चाय विक्रेता हत्याकांड मामले में असलहा सप्लायर व आटो चालक सहित तीन को गिरफ्तार किया।

वाराणसी, जेएनएन। चाय विक्रेता राम नारायण यादव की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में बुधवार को पुलिस ने फरार चल रहे असलहा सप्लायर व आटो चालक सहित तीन को दुर्गा मंदिर के समीप से गिरफ्तार कर लिया। सप्लायर के पास से 315 बोर का कंट्री मेड कट्टा भी बरामद हुआ। शव को ठिकाने लगाने में प्रयुक्त आटो को भी पुलिस ने जब्त किया है। शव को ठिकाने लगाने में सहयोग करने वाला ऋषभ पांडेय अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हत्याकांड के मुख्य आरोपित सहित दो को पुलिस ने मंगलवार को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

loksabha election banner

चंदौली के मुगलसराय कोतवाली के कटेसर गांव के रहने वाले रामनारायण यादव मछरहट्टा में चाय की दुकान चलाते थे। रामपुर, रामनगर निवासी अंकित मोदनवाल ने सूद पर रामनारायण से 15 हजार रुपये लिया था। उसी के बकाए को लेकर दोनों में किचकिच होती रहती थी। अंकित ने छह जनवरी को रामनगर चौराहा स्थित अपनी दुकान में गोली मारकर रामनारायण की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मुख्य आरोपित अंकित मोदनवाल व कपाली को गिरफ्तार कर लिया था। इस बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि हत्या के तीन अन्य आरोपित दुर्गा मंदिर के समीप हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। सभी मुगलसराय से होकर कहीं और भागने की फिराक में थे। पकड़े गए लोगों में रामपुर निवासी आटो चालक सद्दाम, चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र के परशुरामपुर निवासी असलहा सप्लायर नीरज तथा पीडीडीयू नगर निवासी नीरज का साथी संजय शामिल हैं।

एक हजार कमाने की लालच में पड़ गया आटो चालक

हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए अंकित ने अपने दोस्तों से मदद मांगी थी। आटो चालक सद्दाम ने पहले इससे इन्कार किया, लेकिन 15 मिनट के काम के लिए अंकित ने एक हजार रुपये देने का लालच दिया। लालच में आकर वह आटो से शव लेकर भीटी पहुंच गया था।

दस हजार का पिस्टल लिया, नहीं लौटा सका पांच हजार

पुलिस ने जब घटना का राजफाश किया तो एक बात हर जुबान पर रही कि अंकित पांच हजार रुपये चुकता नहीं कर सका, लेकिन दस हजार रुपये की पिस्टल खरीद ली। अगर वह चाहता तो रुपये दे सकता था, लेकिन उसने इस तरह की वारदात को अंजाम क्यों दिया यह सवाल चर्चा का विषय बना रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.