कोरोना काल में कम हो गए TB के मरीज, वाराणसी में पिछले वर्ष के मुकाबले 30 फीसद की कमी
आपदा के समय में भी पिछले वर्ष की तुलना में टीबी मरीजों की संख्या में 30 फीसद की कमी दर्ज की गई। वर्ष 2019 में जहां 7420 मरीजों को सूचीबद्ध किया गया था वहीं इस वर्ष अब तक 5052 मरीज मिले हैं।
वाराणसी, जेएनएन। महामारी के कठिन समय में भी ग्राउंड वर्कर की सक्रियता और सजगता से टीबी के मरीजों की निगरानी व दवा का प्रबंध किया जाता रहा। यही कारण है कि आपदा के समय में भी पिछले वर्ष की तुलना में टीबी मरीजों की संख्या में 30 फीसद की कमी दर्ज की गई। वर्ष 2019 में जहां 7420 मरीजों को सूचीबद्ध किया गया था, वहीं इस वर्ष अब तक 5052 मरीज मिले हैं। वहीं अब स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा टीबी मरीजों को गोद लिए जाने से भी इनके तेजी से ठीक होने की दर बढ़ी है।
वर्ष 2019 में पब्लिक सेक्टर में 7420 टीबी मरीजों को सूचीबद्ध किया गया तो वहीं प्राइवेट सेक्टर में 5812 मरीज मिले थे। 2020 में अभी तक पब्लिक सेक्टर से 5052 व पब्लिक सेक्टर से 2739 मरीज मिले हैं। अपर सीएमओ डा. संजय राय के मुताबिक इस वर्ष जन्म से लेकर 19 वर्ष तक के कुल 745 बच्चे गोद लिए गए थे, जिसमें से अभी तक 286 बच्चे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, जबकि 459 का इलाज चल रहा है। सिविल डिफेंस की ओर से गोद लिए 237 बच्चों में से 146 ठीक हो चुके हैं। वहीं रेडक्रास सोसाइटी ने 192, रोटरी क्लब ने 162, आइएमए ने 63 व लायंस क्लब ने 61 बच्चों को गोद लिया था, जिनमें से क्रमश 42, 34, 59 व पांच बच्चों को ठीक किया जा चुका है। जबकि मारवाड़ी युवा मंच द्वारा गोद लिए गए 22 एवं विश्वविद्यालयों के कुलपति द्वारा गोद लिए आठ बच्चे अभी उपचाराधीन हैं।
स्वयं सेवी संस्थाओं ने टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लिया है
कोरोना की चुनौती के बीच स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने बेहतरीन कार्य करते हुए दवा की कमी नहीं होने दी। स्वयं सेवी संस्थाओं ने टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लिया है। रेडक्रास सोसाइटी व स्वास्थ्य विभाग की टीम समय-समय पर मरीजों के यहां पहुंचकर न सिर्फ चिकित्सीय परीक्षण कर रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य का आकलन भी कर रही है।
- डा. संजय राय, एसीएमओ।