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खनन व श्रम कानूनों से छेड़छाड़ स्वीकार नहीं, यूपी जोन के बीएमएस महामंत्री से कई मुद्दों पर चर्चा

कोयला उद्योग में कमर्शियल माइनिंग की अनुमति कोल ब्लाकों का निजीकरण एवं श्रम कानूनों को निष्प्रभावी बनाने की सरकार की योजना को भारतीय मजदूर संघ कभी सफल नहीं होने देगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 05:00 PM (IST)
खनन व श्रम कानूनों से छेड़छाड़ स्वीकार नहीं, यूपी जोन के बीएमएस महामंत्री से कई मुद्दों पर चर्चा
खनन व श्रम कानूनों से छेड़छाड़ स्वीकार नहीं, यूपी जोन के बीएमएस महामंत्री से कई मुद्दों पर चर्चा

सोनभद्र, जेएनएन। कोयला उद्योग में कमर्शियल माइनिंग की अनुमति, कोल ब्लाकों का निजीकरण एवं श्रम कानूनों को निष्प्रभावी बनाने की सरकार की योजना को भारतीय मजदूर संघ कभी सफल नहीं होने देगी। यूपी जोन के बीएमएस महामंत्री अरूण कुमार दुबे ने कहा कि कोल महासंघ के पदाधिकारियो ने वीडियो कांफ्रेसिंग कर इन मुद्दों पर गहन चर्चा किया है।

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20 मई को काला मास्क लगाकर विरोध जताने के प्रस्तावित आंदोलन को सफल बनाने के लिए मंगलवार को ककरी, बीना, कृष्णशिला, खडिय़ा परियोजना के टाइम आफिस पर सरकार के निर्णय के विरोध में नारेबाजी कर गेटङ्क्षमटिग की गई। एनसीएल प्रभारी मुन्नीलाल व अरूण दुबे ने यूपी व एमपी की कोल परियोजनाओं का चक्रमण कर आंदोलन को और प्रभावी बनाने के लिए पदाधिकारियों व कोल श्रमिकों का उत्साहवर्धन किया। कहा कि वित्तमंत्री कोल इंडिया मे कार्यरत कर्मियों के हितो पर कुठाराघात कर रही है। दूसरी ओर श्रम संगठनों के आंदोलन को दबाने के लिए कोलमंत्री बगैर किसी ठोस आधार के कोल इंडिया का निजीकरण नहीं होने का बयान जारी कर रहे है। जो कोल श्रमिकों के लिए महज छलावा है। आंदोलन को सफल बनाने में विभाग प्रमुख अशोक मिश्रा, जिलामंत्री आररपी पांडेय एवं कृष्णशिला में बेचूलाल, केडी तिवारी, ककरी में एनके सिंह, अरविंद सिंह, आरपी गुप्ता, खडिया में सकल नारायण, सुरेंद्र सिंह, खुशहाल सिंह, बीना में मनोज सिंह, प्रेमलाल पटेल, दद्दी प्रसाद पूर्ण मनोवेग से लगे हैं।

कोल इंडिया का नहीं होगा निजीकरण

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि आत्मनिर्भर अभियान के तहत किए गए एलान से कोल इंडिया लिमिटेड में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 हजार करोड़ रुपये निवेश करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से कोल इंडिया को वित्त वर्ष 2023-24 तक एक बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने की राह आसान होगी। कोल इंडिया के लिए यह एक बड़ा अवसर है। अब कंपनी नई खदानें खोलकर अधिक कोयला उत्पादन कर देश में हो रहे कोयले के आयात की भरपाई कर सकती है। आने वाले समय में सीआइएल अपने उत्पादन से सालाना सौ मिलियन टन कोयले के आयात की भी भरपाई करेगी। श्री जोशी ने जोर देते हुए कहा कि सरकार का कोल इंडिया के निजीकरण का कोई इरादा नहीं हैं। सरकार कोल इंडिया को मजबूत कर रही है और आगे भी करेगी। कहा कि कंपनी के पास पर्याप्त कोयला भंडार है। जो देश में सौ वर्षो से अधिक तक बिजली बनाने के लिए पर्याप्त है। सरकार ने कोल इंडिया को हाल ही में 16 नए कोयला ब्लाक भी दिए है। उन्होने सभी कोल कर्मियो को आश्वस्त किया है कि सरकार को कोल इंडिया पर गर्व है। आने वाले समय में इसे और मजबूत किया जाएगा। उक्त जानकारी कोयला एवं खान मंत्री के प्रवक्ता सीरज सिंह ने दी।


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