बारिश के मौसम में सेहत का रखें ख्याल
मानसून में सेहत क ो लेकर थोड़ी सी भी असावधानीबीमारी का शिकार बना सकती है।
वाराणसी: मानसून का मौसम बेहद सुहाना होता है लेकिन इस वक्त थोड़ी भी असावधानी से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। वहीं अस्थमा और हृदय रोग से ग्रस्त रोगियों के लिए यह मौसम बहुत सी समस्याएं लेकर आता है। मानसून में एलर्जी, सर्दी, जुकाम और बुखार से सबसे अधिक लोग परेशान रहते है। राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय वाराणसी की प्रवक्ता टीना सिंघल बताती हैं कि इस मौसम में बार बार ठंडा और गर्म मौसम होने और धूल मिट्टी के कणों के कारण स्किन एलर्जी, सास की बीमारी, बुखार होना आम बात है। कीड़े मकोड़े के काटने से स्किन एलर्जी की समस्या भी हो जाती है जिसमें तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। क्या लक्षण हैं इन बीमारियों के
स्किन एलर्जी होने पर त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना, खुजली होना, फुंसी हो जाना, रैशेज पड़ना, जलन होना। बुखार, गला खराब होना, छींक आते रहना आदि इसके मुख्य लक्षण होते है। आख में लालिमा, पानी निकलने, हल्का बुखार व गला खराब होने की शिकायत भी हो सकती है। कैसे बचें इन समस्याओं से
सुबह मैदान में टहलते समय नाक और कान किसी साफ कपड़े से अवश्य ढंक लें। घर की खिड़कियों में पतली जाली जरूर लगवाएं क्योंकि खुली खिड़की से कीड़े और मच्छर कमरे में घुस कर आपको बीमार कर सकते हैं। बिस्तर की सफाई पर विशेष ध्यान रखें। कच्चे सलाद और कच्ची सब्जिया कम खाएं। इन चीजों पर बारिश के मौसम में गंदगी ज्यादा होती है। फूल देने वाले पौधों को घर के अंदर न रखें। क्या है उपचार
तुलसी मिर्च और अदरक का काढ़ा बनाकर पीने से इस मौसम में आराम मिलता है। लक्ष्मीविलास रस के सेवन से एलर्जी के रोगों में बहुत आराम मिलता है। बाहर के खुले कटे फल, चाट आदि न खाएं। साफ पानी पीएं। रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं क्योंकि इस मौसम में मच्छरों की संख्या भी बढ़ जाती है। कूलर में प्रतिदिन पानी बदलें। गमलों में या आस पास कहीं पानी जमा न रहने दें।