विदेश तक फैला मुख्तार अंसारी गिरोह का सिंडिकेट, मजबूत दखलंदाजी के कारण व्यापारियों में भय
जेल में निरुद्ध विधायक मुख्तार अंसारी के गिरोह का सिंडिकेट देश ही नहीं विदेश में भी फैला है। कारोबार में मजबूत दखलंदाजी के चलते गिरोह से व्यापारी भी भय खाते हैं।
वाराणसी, [दिनेश सिंह]। जेल में निरुद्ध विधायक मुख्तार अंसारी के गिरोह का सिंडिकेट देश ही नहीं विदेश में भी फैला है। मछली कारोबार, खनन, परिवहन जैसे कारोबार में मजबूत दखलंदाजी के चलते गिरोह से व्यापारी भी भय खाते हैं। किसी की हिम्मत नहीं होती कि कारोबारी प्रतिद्वंद्विता कर सके। इसी का परिणाम है कि मुख्तार का आर्थिक तंत्र मजबूत होता गया और गिरोह का नेटवर्क विदेश में भी काम कर रहा है। इस गिरोह की मोटी कमाई का जरिया बने मछली कारोबार की जड़ें देश के कई राज्यों तक जमीं हैं। नेपाल व बैंकाक में भी गिरोह बड़े पैमाने पर मछलियों की आपूर्ति करता है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने पिछले दिनों गिरोह के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो वाराणसी, जौनपुर, मऊ सहित अन्य जिलों से लाखों रुपये की मछलियां बरामद की गईं। गिरोह से जुड़़े कारोबारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई।
आंध्रप्रदेश का था दबदबा
मछली कारोबार पर आंध्रप्रदेश व पश्चिम बंगाल का दबदबा था। इन प्रांतों के कारोबारी ही देश में मछली की आपूॢत करते हैं। इसमें अपनी पैठ जमाने के लिए मुख्तार गिरोह ने भय का सहारा लिया, फिर क्या था माल उनका व कमीशन अपना का धंधा शुरू हो गया। कारोबारी भय खाने लगे और अपना माल गिरोह के मन माफिक रेट पर बेचने लगे। इसके बाद गिरोह की मोटी कमाई का जरिया बने मछली कारोबार की जड़ें देश के कई राज्यों तक जमती गईं। गिरोह प्रतिमाह इससे करोड़ों रुपये की आय करता है। मुख्तार अंसारी गिरोह से संबंध रखने कारोबारियों ने आंध्र प्रदेश को अपनी आॢथक राजधानी बनाई है। आंध्र प्रदेश से बिहार के छपरा, मुजफ्फरनगर सहित कई जनपदों में इसकी आपूर्ति होती है।
ऐसे जमी कारोबारी जड़ें
पूर्वांचल के छोटे कारोबारियों से आंध्रप्रदेश के एक मछली व्यापारी ने करीब 15 साल पहले कारोबार के सिलसिले में संपर्क किया था। यही छोटे कारोबारियों का टॄनग प्वाइंट बना और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कारोबारी अपने व्यापार को विस्तार देने लगे थे कि तभी मुख्तार अंसारी गिरोह के सुल्तानपुर निवासी गुर्गे से सोनकर बंधुओं की मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों पक्षों में पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ। इस मामले को खुद विधायक मुख्तार अंसारी ने सुलह-समझौता कराया। इसमें मुख्तार गिरोह को प्रति क्विंटल मछली पर एकमुश्त धनराशि तय की गई। छोटे कारोबारियों को मुख्तार का साथ मिला और मछली कारोबार का आर्थिक साम्राज्य पूर्वांचल, बिहार, आंध्रप्रदेश होते हुए विदेशों तक फैल गया।