गाजीपुर में महिला लेखपाल का उत्पीड़न करने वाले पेशकार पर कार्रवाई की तलवार
महिला लेखपाल का लैंगिक उत्पीडऩ करने वाले एसडीएम के तत्कालीन पेशकार राधेश्याम के खिलाफ कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है। आंतरिक समिति की रिपोर्ट जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय को भेजते हुए उसे गैर जनपद में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है।
गाजीपुर, जेएनएन। कासिमाबाद तहसील में कार्यरत महिला लेखपाल का कथित तौर पर लैंगिक उत्पीडऩ करने वाले एसडीएम के तत्कालीन पेशकार राधेश्याम के खिलाफ कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है। आंतरिक समिति की रिपोर्ट जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय को भेजते हुए उसे गैर जनपद में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है। बताया जा रहा है कि आंतरिक समिति की जांच रिपोर्ट में राधेश्याम को दोषी माना गया है।
आरोप है कि राधेश्याम काफी दिन से उक्त महिला लेखपाल को परेशान कर रहा था और मोबाइल पर आपत्तिजनक मैसेज भेजता था। उसकी बात न मानने पर महिला लेखपाल के खिलाफ चारित्रिक दोष लगाकर अफवाह भी फैलाता था। आंतरिक समिति की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम के निर्देश पर महिला लेखपाल एक दिन पहले ही राधेश्याम के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा चुकी है। अब डीएम द्वारा शासन को रिपोर्ट भेजने के बाद बड़ी कार्रवाई होने की उम्मीद है। राधेश्याम कृषि विपणन का कर्मी है और उसे जिला आपदा विभाग से संबद्ध किया गया है। इस दौरान कुछ दिन एसडीएम कासिमाबाद के पेशकार के रूप में भी कार्य किया।
एसडीएम न्यायालय की पत्रावली भी गायब करने का आरोप
आरोपित राधेश्याम पर एसडीएम कासिमाबाद के न्यायालय की पत्रावली भी गायब करने का आरोप है। इसको लेकर पिछले 24 जून को एसडीएम के निर्देश पर कासिमबाद थाने में राधेश्याम के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई गई है। जिलाधिकारी ने निदेशालय को भेजे अपने पत्र में इसका भी जिक्र किया है। राधेश्याम को विभागीय कार्य में लापरवाही करने का दोषी पाया गया है।
क्या होती है आंतरिक समिति
महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ निवारण प्रतिषेध प्रतितोष अधिनियम-2013 के अंतर्गत आंतरिक समिति का गठन किया गया है। सरकारी विभागों में कार्यरत महिला के साथ उसके कार्यस्थल पर किसी प्रकार का लैंगिक उत्पीडऩ होता है तो वह समिति में अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। जिलाधिकारी व जिला प्रोबेशन अधिकारी के सामने भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इस मामले की आंतरिक समिति जांच करेगी और कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट जिला प्रबोशन अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी जाती है। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है। इस समिति मेें पांच महिलाएं शामिल होती हैं। इसमें एक अध्यक्ष व चार सदस्य होती हैं। दो सरकारी विभागों में कार्यरत, एक सामाजिक कार्यकर्ता, एक न्यायालय से और एक बाल समिति से संबंधित होती हैं।