स्वनिधि योजना ने बढ़ाया इंग्लिशिया लाइन के नेहरू मार्केट में शशि के चाट का जायका
अगर जज्बा व हुनर हो तो कोई भी रोजगार छोटा नहीं होता। बस उसे पूरी ईमानदारी व लगन से उसे करने की जरूरत है। छोटे काम से भी अपने रोजगार को बढ़ाकर परिवार को पाल सकते हैं। आपको ले चलते हैं शहर के इंग्लिशिया लाइन स्थित नेहरू मार्केट।
वाराणसी, जेएनएन। अगर जज्बा व हुनर हो तो कोई भी रोजगार छोटा नहीं होता। बस उसे पूरी ईमानदारी व लगन से उसे करने की जरूरत है। छोटे काम से भी अपने रोजगार को बढ़ाकर परिवार को पाल सकते हैं। अगर इस तरह का उत्साह देखना है तो आइए हम आपको ले चलते हैं शहर के इंग्लिशिया लाइन स्थित नेहरू मार्केट। यहां पर सिगरा क्षेत्र के सोनिया निवासी शशि कुमार गुप्ता कई वर्षों से नेहरू मार्केट के पास चाट बेचते हैं। शनिवार को भी उनके यहां चाट खाने वालों की खूब भीड़ लगी थी। खास कर युवाओं की। शशि स्वनिधि योजना ने उनके चाट के रोजगार का जायका और बढ़ा दिया है।
चाट विक्रेता शशि इन दिनों पूरे रंग मिजाज में अपनी दुकानदारी चमकाने में जुटे हुए हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत मिले दस हजार रुपए के अनुदान से उनके चाट और गोलगप्पे का जायका ही बदल गया। लाकडाउन में पूंजी गंवा चुके शशि की जिंदगी अनुदान मिलने से एक बार फिर रफ्तार पकडऩे लगी। वे रोज डेढ़ से दो हजार रुपये की आमदनी करते हैं। इतना ही नहीं, सहयोगी पंकज पटेल को हर महीने छह हजार रुपये तनख्वाह भी देते हैं। शशि गुप्ता बताते हैं कि पहले वह गलियों में घूम कर गोलगप्पे बेचकर अपना जीविकोपार्जन करते थे। वर्ष 2017 में उनके जीवन में नया मोड़ आया।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया और केंद्र सरकार की सहायता से उन्हेंं एक माडर्न कार्ट ठेला मिला। सब कुछ ठीक रहा लेकिन कोरोना वायरस के चलते वैश्विक त्रासदी ने उनकी रफ्तार धीमी कर दी। हालांकि स्वनिधि योजना के तहत मिले पैसों से खुद को एक बार फिर स्थापित कर लिया। रोज के ग्राहक चंदन साह, दिलीप जायसवाल, सत्यनारायण, गोलू पासी शशि की उन्नति से काफी खुश हैं।