भारत में किसान आंदोलन के जनक स्वामी सहजानंद की बीएचयू में पांच करोड़ रुपये से बनेगी पीठ
काशी को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले भारत में किसान आंदोलन के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती पीठ पर बीएचयू में अब बड़े स्तर पर शोध और अध्ययन होगा। विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय में स्वामी सहजानंद शोध पीठ के लिए एक एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। काशी को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले भारत में किसान आंदोलन के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती पीठ पर बीएचयू में अब बड़े स्तर पर शोध और अध्ययन होगा। विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय में स्वामी सहजानंद शोध पीठ के लिए एक एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस पीठ में बीएचयू के छात्र किसानों की समस्याओं और जरूरतों पर पीएचडी करेंगे।
संकाय के सदस्यों द्वारा इस पीठ का सालाना बजट पांच करोड़ रुपये तक रखा गया है, जिसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है। इसके तहत कक्ष, स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय समेत बड़ी मात्रा में किसानों से संबंधित पुस्तकों की जरूरत पड़ेगी। इस पीठ में छात्र समाज और किसानों की समस्या और उसके निवारण को शासन-प्रशासन से अवगत कराएंगे। इस पीठ के माध्यम से भू-आवंटन, भूमि कानूनों की प्रासंगिकता का आकलन कर आधुनिक मानकों पर कसा जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसान सशक्तिकरण व कृषक अधिकारों और कर्तव्यों पर बड़े स्तर पर शोध करके वर्तमान समस्याओं का हल निकाला जाएगा। आज जिस तरह से किसान आंदोलन पर भारत भर का किसान बंटा हुआ दिखाई पड़ रहा है, उसे ही एक सूत्र में पिरोने का उपाय छात्र और विशेषज्ञ मिलकर खोजेंगे। संकाय में बन रहे प्रस्ताव के तहत सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन इसके आरंभिक प्रमुख होंगे। दो दिन में पीठ का प्रस्ताव कुलपति प्रो. राकेश भटनागर को भेज दिया जाएगा, जिस पर सहमति मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा।