वाराणसी में फ्रेट विलेज के लिए भूमि अधिग्रहण से पूर्व सामाजिक तानाबाना का होगा सर्वे
वाराणसी रामनगर के राल्हूपुर में बने बंदरगाह के समीप प्रस्तावित फ्रेट विलेज के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले यहां के सामाजिक तानाबाना का सर्वे होगा। इसके लिए चंदौली जिला प्रशासन की ओर से एजेंसी नामित करने के लिए टेंडर जारी किया गया है।
वाराणसी, [संजय यादव]। रामनगर के राल्हूपुर में बने बंदरगाह के समीप प्रस्तावित फ्रेट विलेज के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले यहां के सामाजिक तानाबाना का सर्वे होगा। इसके लिए चंदौली जिला प्रशासन की ओर से एजेंसी नामित करने के लिए टेंडर जारी किया गया है। एजेंसी जनपद के ताहिरपुर व मिल्कीपुर गांव की भूमि अधिग्रहण से पूर्व वहां का भौगोलिक, सामाजिक, लोगों की आजीविका की निर्भरता सहित अन्य पहलूओं की जांच रिपोर्ट प्रशासन को देंगी। इसके बाद प्रशासन आगे की कार्रवाई पूरी करेगी।
मालूम हो कि फ्रेट विलेज का निर्माण दो चरणों में होना है। इसके लिए प्रथम चरण के निर्माण को लगभग 74 एकड़ तथा द्वितीय चरण के लिए 26 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।अभी तक विभाग के पास मात्र 10 एकड़ ही भूमि उपलब्ध हो सकी है। भूमि अधिग्रहण में देरी से सरकार काफी नाराज हैं। अतिशीघ्र भूमि अधिग्रहण के दबाव को देखते हुए जिला प्रशासन से लगायत भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी भूस्वामी से कई बार वार्ता किये।लेकिन नतीजा हर बार शून्य ही साबित हुआ। भूमि अधिग्रहण में आ रही अड़चन से पीएम के परियोजना पर असर पड़ रहा है। जबकि पीएम के स्वर्णिम परियोजना में एक बंदरगाह परिकल्पना तो मूर्त रुप ले लिया परंतु फ्रेट विलेज निर्माण का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
जनसंख्या नियोजन का बड़ा आधार
प्रस्तावित फ्रेट विलेज में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग, रैपिंग, कार्गो स्टोरेज, रोड ट्रांसपोर्ट सर्विस के अलावा शहरी जीवन की बुनियादी सुविधाएं होंगी। इसके बनने से बड़े कारोबारियों के अलावा पूर्वांचल के कारोबारी माल स्टोर कर देश के दूसरे हिस्से में भेज और मंगा सकेंगे। फ्रेट विलेज के आकार लेने पर गंगा पार नया शहर जनसंख्या नियोजन का बड़ा साधन होगा। हजारों को रोजगार मिलेगा।
फ्रेट विलेज में हुए कार्य
-प्रशासनिक भवन
-बिजलीघर
-एनएच-7 से बंदरगाह के रास्ते नाले पर पुल
-बंदरगाह का 90 फीसद प्लेटफार्म