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गंगा सहित 10 नदियों का सर्वेक्षण सोनर और डॉपलर से, नदी संरक्षण की योजना पर कार्य शुरू

भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के सहयोग से नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने अविरल और निर्मल धारा को बनाए रखने के लिए नदी संरक्षण की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है।

By Edited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 02:31 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 09:06 AM (IST)
गंगा सहित 10 नदियों का सर्वेक्षण सोनर और डॉपलर से, नदी संरक्षण की योजना पर कार्य शुरू
गंगा सहित 10 नदियों का सर्वेक्षण सोनर और डॉपलर से, नदी संरक्षण की योजना पर कार्य शुरू

वाराणसी, जेएनएन। भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के सहयोग से नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने अविरल और निर्मल धारा को बनाए रखने के लिए नदी संरक्षण की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। राजघाट से मंगलवार को भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की टीम जैव विविधता सर्वेक्षण के लिए पश्चिम बंगाल के नूरपुर के लिए रवाना हुई। यह टीम 30 दिनों तक कई बिंदुओं पर सर्वेक्षण करेगी। सर्वेक्षण दल में टीम लीडर वैज्ञानिक गौरा चंद्र दास, राहिल खान, ज्योति के अलावा गंगा प्रहरी मंगल चौधरी, राहुल यादव वा सभाजीत शामिल हैं। टीम लीडर ने बताया कि गंगा बेसिन में आठ राज्यों में चार हजार किलोमीटर से अधिक नदी को कवर किया जाएगा।

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नदियों में गंगा, रामगंगा, यमुना, गोमती, घाघरा, गंडक, कोशी, सोन, चंबल और रूप नारायण शामिल हैं, जो स्त्रोत से अपने संबंधित संगम तक आते हैं। सर्वेक्षण टीम अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करेगी जैसे कि चैनल की चौड़ाई निर्धारण के लिए लेजर आधारित दूरी मापक इकाइया, सोनार आधारित चैनल गहराई अनुमानक, डॉपलर आधारित नदी प्रवाह निर्धारण, जीपीएस और जीआईएस प्रौद्योगिकी का प्रयोग करेगी। इसके अलावा नदी के किनारे के रहने वाले समुदायों के पारंपरिक ज्ञान पर भी बात होगी। 14 दिसंबर को कानपुर में पहली राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में यह सहमति हुई थी कि नदी संरक्षण के लिए जलीय जैव विविधता संरक्षण के लिए गंगा की डॉल्फिन का संरक्षण महत्वपूर्ण है।

गंगा बेसिन में जलीय प्रजातियों के संरक्षण को बढ़ाने के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान को व्यापक परियोजना प्रदान की गई है। जीव विज्ञानी और सामाजिक वैज्ञानिक के साथ-साथ विभिन्न विषय क्षेत्रों के भारतीय वन्य जीव संस्थान के संकाय सदस्य उसका मूल्याकन करेंगे। सर्वेक्षण के आधार पर गंगा बेसिन में जलीय जैव विविधता संरक्षण के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। गंगा नदी के अलावा इसकी सहायक नदियों का भी रोडमैप तैयार होगा। यह सर्वेक्षण भारत में विज्ञान आधारित नदी संरक्षण के लिए एक मॉडल होगा। मंगलवार को सुबह डीएफओ वाराणसी महावीर कौजलगी और अपर जिला आयुक्त अजय कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर सर्वेक्षण दल को रवाना किया।


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