मेडिकल प्रोडक्ट की एजेंसी के लिए सुमित ने लिया था पांच लाख का लोन, रोज नए तथ्य उजागर हो रहे
वाराणसी लहरतारा के सुमित श्रीवास्तव समेत तीन हत्याओं के मामले में रोज नए तथ्य उजागर हो रहे हैं। सुमित ने किसी मेडिकल प्रोडक्ट की एजेंसी के लिए पांच लाख का लोन लिया था।
वाराणसी, जेएनएन। लहरतारा के सुमित श्रीवास्तव समेत तीन हत्याओं के मामले में रोज नए तथ्य उजागर हो रहे हैं। सुमित ने किसी मेडिकल प्रोडक्ट की एजेंसी के लिए पांच लाख का लोन लिया था, जिसकी जानकारी उसके परिवार के लोगों को भी नहीं थी। आरोपित नीलकंठ ने गुपचुप तरीके से लोन पास कराया था और यही उसके लिए मजबूत हथियार बना। यह बात उसने आरोपित अभिषेक को बताई, जिसके बाद उन्होंने सुमित को रास्ते से हटाने की साजिश रची। पुलिस के अनुसार, नीलकंठ, अभिषेक व सौरभ हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार थे। बाकी आरोपित कुछ रुपयोंं व पार्टी के लालच में जुड़ गए थे।
लोन पास कराने में की मदद
पुलिस पूछताछ में नीलकंठ ने बताया कि सुमित श्रीवास्तव उसका दोस्त था। सभी बातें वह उसके साथ साझा करता था। सुमित किसी मेडिकल प्रोडक्ट एजेंसी लेना चाहता था, जिसके लिए करीब पांच लाख रुपये की जरूरत थी। जब उसने यह बात बताई तो नीलकंठ ने लोन पास कराने की प्रक्रिया को सुमित को समझाया और वह मान गया। दरअसल, नीलकंठ एक प्राइवेट बैंक के रामकटोरा स्थित ब्रांच में काम करता था, इसलिए सुमित को लगा कि लोन आसानी से पास हो जाएगा। इसके बाद सुमित का पास हुआ लोन उसके राबट््र्सगंज, सोनभद्र स्थित बैंक खाते में आया। अब तक सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन लोन पास होने के बाद नीलकंठ लालच में आ गया। उसने सारी बात अपने सहयोगी आरोपित अभिषेक जायसवाल को दी। नीलकंठ व अभिषेक इस बात को तैयार हुए कि सुमित के खाते से दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर किया जाए, वह भी तब जब पासवर्ड मालूम न हो। अभिषेक ने अपने रिश्तेदार सौरभ को योजना की जानकारी दी तो वह इस कारगुजारी में शामिल हो गया। तीनों ने मिलकर साजिश रची कि सुमित की हत्या करने के बाद उसके मोबाइल व एटीएम के माध्यम से पासवर्ड रिसेट कर रुपये ट्रांसफर कर लिया जाएगा। अभिषेक ने नीलकंठ से सुमित को लोहता के कोरौता स्थित पंप पर लाने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने सुमित की हत्या कर मोबाइल व एटीएम के माध्यम से पुलिस को उलझाए रखा।
हड्डी को जांच के लिए भेजा जाएगा
लहरतारा चौकी इंचार्ज अजय यादव ने बताया कि नीलकंठ को जब भी पूछताछ के लिए बुलाया गया, वह बार-बार पीर बाबा मंदिर तक जाने की बात करता था। इसलिए पुलिस को उस पर शक नहीं हुआ। इस मामले में आरोपित रामविलास को गिरफ्तार करने के बाद मामला खुलता गया। उसने पूरी कहानी बताई तो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी ने एक जैसी कहानी बयां की तो नीलकंठ को हिरासत में लिया गया। इसके बाद भी वह अपने बयान पर अडिग रहा, लेकिन जब अन्य आरोपितों को सामने लाया गया तो मामले का पर्दाफाश हो गया। उन्होंने बताया कि आरोपितों के बयान के अनुसार, राजगढ़ के जंगल में मृतक सुमित के शव को खोजने के लिए गए हुए थे, जहां से एक हड्डी मिली है। हालांकि यह कहा नहीं जा सकता है कि यह मनुष्य की हड्डी है या जानवर की। इस हड्डी को जांच के लिए भेजा जाएगा।