Move to Jagran APP

#PBD2019 : पाठशाला में सीखकर ककहरा, सऊदी अरब में चमका यूपी का सितारा

वर्तमान में मनोज दुनिया के सबसे बड़े पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स के हाइड्रोकार्बन व ऊर्जा संयंत्रों के क्लस्टर के लिए बतौर गुणवत्ता विशेषज्ञ के रूप में सेवारत हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 09:30 AM (IST)
#PBD2019 : पाठशाला में सीखकर ककहरा, सऊदी अरब में चमका यूपी का सितारा
#PBD2019 : पाठशाला में सीखकर ककहरा, सऊदी अरब में चमका यूपी का सितारा

वाराणसी [मुहम्मद रईस] : प्राइमरी पाठशाला, जिसमें अमूमन लोग अपने बच्चों को भेजने से हिचकते हैं। उसी पाठशाला ने कइयों को जिंदगी का ककहरा सिखा दिया। ज्ञान के साथ नैतिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति का ऐसा बीजारोपण किया, जो जीवन पर्यंत उनका मार्गदर्शन करता रहा। कुछ ऐसा ही किस्सा है सुल्तानपुर के मूल निवासी व सऊदी अरब के सबसे बड़े पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स में बतौर गुणवत्ता विशेषज्ञ मनोज कुमार तिवारी। अन्न उपजाने के साथ ही गांव की मिट्टी प्रतिभाओं के मामले में भी उन्नत है। समय-समय पर माटी के लालों ने न सिर्फ जन्मभूमि का ऋण चुकाया, बल्कि अपने कार्यों और संस्कारों से जग में भारत का नाम ऊंचा किया। सुल्तानपुर के ग्रामीण अंचल में पले-बढ़े मनोज ने प्राथमिक शिक्षा गांव के ही विद्यालय से हासिल की। उन दिनों छठवीं कक्षा से अंग्रेजी पढ़ाई जाती थी। 

loksabha election banner

लिहाजा वे भी पांचवीं के बाद अंग्रेजी भाषा से रूबरू हुए। घर की माली हालत खस्ता थी। सुख-सुविधाओं का अभाव था। मगर दिल में थी कुछ कर गुजरने की तमन्ना और साथ था तो बस संस्कारों का पिटारा। गुरुजनों के मार्गदर्शन और माता-पिता के आशीर्वाद ने उन्हें कामयाबी के पायदान तय करने का साहस दिया। अभावों की चिंता किए बिना उन्होंने खुद को साबित भी किया। सऊदी अरब, ओमान, यूएसए के साथ ही यूरोपीय देशों में कई वर्ष काम किया और हर मुल्क में सीखते हुए खुद को इस काबिल बनाया कि पीछे मुड़कर देखने पर घर-परिवार ही नहीं, बल्कि गुरुजन व रिश्तेदारों को भी गर्व महसूस हो। 

 वर्तमान में मनोज दुनिया के सबसे बड़े पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स के हाइड्रोकार्बन व ऊर्जा संयंत्रों के क्लस्टर के लिए बतौर गुणवत्ता विशेषज्ञ के रूप में सेवारत हैं। मनोज कहते हैं कि, 'देश से इतनी दूर रहने के बाद भी भारतीय मूल्यों ने हर कदम पर आगे बढऩे का हौसला दिया। मैं स्वयं को भारतीय संस्कृति और परंपरा का वाहक मानने में गर्व महसूस करता हूं।' मनोज 'वसुधैव कुटंबकम' और 'सर्वे भवन्तु सुखिन:' के फलसफे पर विश्वास करते हैं। इसी सोच के साथ पराए मुल्क में भी सभी से मित्रवत व्यवहार और भारतीयों की मदद को हमेशा तत्पर रहते हैं। 

हम बनेंगे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था - देश के विकास के लिए आधारभूत परिवर्तन का दौर जारी है। इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्यम, शिक्षा सहित हर क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं। विकास की वर्तमान गति जारी रही तो अगले दस वर्ष में हम दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था में से एक होंगे।

कुछ बुनियादी सुधार अब भी जरूरी- विकास की दौड़ में हम कितने भी तेज क्यों न हो जाएं, कुछ बुनियादी सुधार की अब भी जरूरत है। स्वच्छता, कानून-व्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा और संसाधनों की उपलब्धता आदि ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें अब भी सुधार की गुंजाइश है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.