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बलिया के सब इंस्‍पेक्‍टर सरफराज खां ने बचाई गाय की जान ताे तस्‍वीरें सोशल मीडिया में हुईं वायरल

किसी का जीवन बचाने के लिए प्रयास करना इंसानियत कहलाती है और अगर बेजुबान के लिए प्रयास हो तो शायद कम ही लोग आगे आते हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 06:00 AM (IST)
बलिया के सब इंस्‍पेक्‍टर सरफराज खां ने बचाई गाय की जान ताे तस्‍वीरें सोशल मीडिया में हुईं वायरल

बलिया [अजित पाठक]। किसी का जीवन बचाने के लिए प्रयास करना इंसानियत कहलाती है और अगर बेजुबान के लिए प्रयास हो तो शायद कम ही लोग आगे आते हैं। गो रक्षा की बात सभी करते हैं लेकिन मौके पर शेखी बघारने वाले शायद ही नजर आते हैं। धर्म, सम्प्रदाय, जाति, वर्ग के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकने वाले भी परिस्थितियों में फंसी अपनी गौ माता को बचाने की जहमत नहीं दिखाते। ऐसा ही एक नजारा शनिवार को पुलिस लाइन रोड पर देखने को मिला। जहां नाले में घंटों से पड़ी एक गाय बाहर निकलने को छटपटा रही थी लेकिन किसी ने उसे उस मुश्किल घड़ी से उबारने की न तो हिम्मत दिखाई और न ही प्रयास ही किया।

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जिंदगी और मौत से जद्दोजहद करती गाय को देख कर गुजरने वाले तथाकथित धर्मावलंवियों का दिल नहीं पसीजा। उसी दौरान एसपी ऑफिस से विभागीय कार्य कर वापस लौट रहे सुखपुरा थाने पर तैनात एसआई सरफराज खां की नजर पड़ी। बगैर किसी हिचक व तकल्लुफ के एसआई ने तत्काल अपनी गाड़ी रोक दी और नाले में जीवन रक्षा के लिए संघर्ष कर रही गाय को बचाने के प्रयास में जुट गये। बड़े नाले में बूरी तरह फंस चुकी गाय को बाहर निकालने के लिए एकल प्रयास असफल होते देख सरफराज ने राहगीरों को रोक कर सहयोग की अपेक्षा की। खाकी वर्दीधारी एसआई को पुनीत कार्य करते देख मौके पर भारी भीड़ जुट गई लेकिन बजबजाती नाली में पूरी तरह तरबतर हो चुकी गाय को बचाने के लिए नाले में उतरने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। 

लोगों की हिचकिचाहट देख यहां भी सरफराज खां को ही पहल करनी पड़ी लेकिन मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने खाकी के सम्मान में स्वयं नाले में उतरना मुनासिब समझा। पास-पड़ोस से रस्सी की व्यवस्था कर गाय को उससे बांध कर नाले से बाहर निकाला। नाले से सुरक्षित गाय के निकलने के बाद लोगों ने जहां राहत की सांस ली वहीं नेम प्लेट पर नाम देख लोग एसआई सरफराज खां की मुक्त कंठ से प्रशंसा की वहीं दबी जुबान यह भी कहते नजर आए कि धर्म के चश्मे से नेक कार्यों को देखने वालों को इससे सबक लेनी चाहिए। गाय, गंगा व गायत्री पर राजनीतिक रोटी सेंकने वालों को यह सोचना होगा कि जीवों पर दया करना राजनीति का नहीं अपितु मानवीय संवेदना का विषय है। दूसरी ओर सरफराज की गाय को बाहर निकालते तस्‍वीरें भी सोशल मीडिया पर छा गईं। 


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