बीएचयू में नियुक्ति प्रक्रिया के विरोध में छात्रों ने फिर किया प्रदर्शन, असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप
बीएचयू में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाया।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्रों ने सोमवार को होलकर भवन पर प्रदर्शन किया। सुबह पांच बजे ही एससी-एसटी, ओबीसी संघर्ष समिति के सदस्यों व आवेदकों ने होलकर भवन का घेराव किया। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियों में ओपन सीट पर एससी-एसटी, ओबीसी के अभ्यर्थियों को उनके वर्ग के अनुसार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) उत्तीर्ण किए जाने के आधार पर अयोग्य करार दे दिया गया था, जिसका छात्र जमकर विरोध कर रहे हैं।
इस मामले को लेकर पिछले सोमवार को भी छात्रों ने होलकर भवन का घेराव कर विरोध-प्रदर्शन किया था। हालांकि बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से पुन: पत्र लिखकर स्पष्टीकरण लेने का छात्रों को आश्वासन दिया था। साथ ही आयोग से निविर्दिष्ट स्पष्टीकरण प्राप्त करने के उपरांत साक्षात्कार आयोजित करने की जानकारी दी थी। जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया था। एक सप्ताह के इंतजार के बाद भी स्थिति स्पष्ट न होने के बाद छात्र फिर धरने पर बैठ गए। इस बाबत राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। इसके बाद शाम को लगभग 4.30 बजे छात्रों ने धरना समाप्त कर दिया। होलकर भवन में विभिन्न विषयों से संबंधित साक्षात्कार होना था। इसकी जानकारी पर छात्र विरोध करने पहुंच गए। इस दौरान होलकर भवन, कुलपति आवास मार्ग और एलडी गेस्ट हाउस के पास बैरिकेडिंग कर सुरक्षाकर्मी लगाए गए थे। वहीं पुलिस को भी तैनात किया गया था।
ऐसे में विवि प्रशासन ने एलडी गेस्ट हाउस में असिस्टेंट प्रोफेसर का साक्षात्कार कराया। जब तक साक्षात्कार चलता रहा छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान छात्रों ने विवि प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। उधर एलडी गेस्ट हाउस चौराहे पर छात्रों का दूसरा गुट साक्षात्कार के समर्थन में दोपहर में प्रदर्शन करने लगा। इस दौरान शिक्षकों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन दूसरा गुट साक्षात्कार चलने तक वहीं बैठे रहने पर अड़ा रहा। शाम को साक्षात्कार समाप्त होने पर दोनों गुटों के छात्रों का प्रदर्शन समाप्त हो गया। एससी-एसटी, ओबीसी संघर्ष समिति के सदस्य व छात्र धरना समाप्ति के बाद सीधे लंका थाने पहुंचे और कुलपति व कुलसचिव के खिलाफ तहरीर देने लगे। बाद में पुलिस ने समझा-बुझाकर वापस भेज दिया।