एनजीटी की सख्ती : आजमगढ़ में पराली जलाने पर 10 लोगों के खिलाफ एफआइआर, प्रत्येक पर ढाई-ढाई हजार रुपये अर्थदंड
एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) के आदेश और जिलाधिकारी के निर्देश पर पराली जलाने से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण पर कृषि व राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई तेज कर दी गई है।
आजमगढ़, जेएनएन। एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) के आदेश और जिलाधिकारी के निर्देश पर पराली जलाने से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण पर कृषि व राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई तेज कर दी गई है। पराली जलाने में चिह्नित किए गए 10 व्यक्तियों के खिलाफ संबंधित थानों में मंगलवार को एफआइआर दर्ज कराई गई। साथ ही कुल 25 हजार का अर्थदंड लगाया गया है जिसकी वसूली राजस्व विभाग की टीम द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।
उप कृषि निदेशक डा. आरके मौर्य ने बताया कि जागरूक किए जाने के बाद भी पराली जलाए जाने से होने वाली समस्या के प्रति लोग सचेत नहीं हो रहे हैं। ऐसे में कृषि विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा चिह्नीकरण किया गया। इसमें तहसील बूढऩपुर के कप्तानगंज थाना अंतर्गत निजामपुर गांव निवासी कोमल यादव, विजयी यादव, चिथरू यादव व पथरू यादव पुत्रगण राजाराम यादव, तहसील लालगंज के ठेकमा ब्लाक अंतर्गत सिरवा गांव निवासी जवाहिर पुत्र चरित्तर, हरिकिशुन पुत्र लुल्लर और सत्येदव पुत्र लक्षिराम, मेंहनगर ब्लाक व थाना अंतर्गत मधुबन निवासी कैलाश सिंह पुत्र रामसकल, तहसील निजामाबाद के तहबरपुर थाना अंतर्गत रैसिंहपुर निवासी रामप्रीत पुत्र स्व. कन्हई और तहबरपुर थाना क्षेत्र के ही चिरावल गांव निवासी सुरेश यादव पुत्र सर्वदेव यादव शामिल हैं। प्रत्येक के ऊपर ढाई-ढाई हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है।
इस बारे में जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि खेतों में पराली जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कृषि विभाग और राजस्व विभाग को निर्देशित किया गया है। टीम में शामिल एसडीएम, तहसीलदार व राजस्व कर्मियों के अलावा कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगातार ऐसी घटनाओं की मानीटरिंग करेंगे। जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।