Lockdown में प्रतिदिन करें योग और रहें निरोग, नियम का पालन करते हुए बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता
प्रतिदिन करें योग और रहें निरोग नियम का पालन करते हुए बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता।
वाराणसी, जेएनएन। वर्तमान समय में कोरोना एक कहर के रूप में विश्व परिदृश्य पर छाया हुआ है। डर का माहौल है। फिलहाल बचाव ही उपाय है इसलिये लॉक डाउन बेहतर विकल्प है। अभी तक कोरोना के जितने भी मामले सामने आए हैं,उससे स्पष्ट हुआ है कि यह वायरस हमारे इम्यून सिस्टम और लंग्स को प्रभावित कर रहा है। अभी तक जितने लोग हताहत हुए हैं उनकी इम्यूनिटी अन्य की अपेक्षा कमजोर पाई गई हैं। ऐसे में अपने इम्यून पॉवर को बढ़ाना कोरोना से बचने और उबरने का सर्वोत्तम उपाय हो सकता है। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक प्राणिक हीलर एवं ट्रेनर डॉ विशाल जायसवाल ने बताया कोई भी समस्या उतनी खतरनाक नही होती जितनी की समस्या का डर। डर को दूर करने और शरीर के इम्युनिटी को बढ़ाने का सबसे सरल,सस्ता और श्रेष्ठ उपाय योग है। योग में निम्न पांच विधियों से शरीर और मन को शुद्ध किया जाता है जिससे हमारी इम्युनिटी बढ़ती है।
1. षट्कर्म/षटक्रिया -यह शरीर की शोधन क्रिया है। इसके माध्यम से शरीर को वात, पित और कफ नामक त्रिदोषों से शरीर को शुद्ध किया जाता है। अग्निसार, रबर नेति, त्राटक और कपालभाति का अभ्यास कोरोना में सबसे लाभप्रद है।
नेति- नेति यानी नाक की सफाई।वायरस के प्रकोप से सबसे पहले हमारी नासिक प्रभावित होती है। इसके बाद छींक आनी शुरू होती है। नाक में कफ की मात्रा बढऩे लगती है। रबर नेति से नाक की सफाई करने से नाक के कफ दोष दूर होता है और साथ ही इससे इम्युनिटी बढ़ती है।
सावधनियां - इस प्रक्रिया को करने की शुरुआत में छीक आने की संभावना होती है।
2. आसन -सूक्ष्म-व्यायाम, ताड आसान-तिर्यक ताड़ आसान,वज्रासन, मंडूकासन,मयूरासन,भुजंगासन,धनुरासन,पवनमुक्तासन,सर्वांगासन इत्यादि बहुत लाभकारी आसन हैं।
पवनमुक्तासन -यह बहुत महत्वपूर्ण आसन है। इसके अभ्यास से शरीर के समस्त वायु दोष दूर होते है। सम्पूर्ण नस-नाडिय़ों में ऊर्जा का प्रवाह होता है।
विधि - पीठ के बल लेट कर दोनों घुटनों को मोड़ें दोनों हाथों से घुटनों के नीचे पकड़ कर पेट की ओर खींचें और श्वास भरकर सिर को घुटनों के बीच ले जाने का प्रयास करें और श्वास रोक कर इसी स्थिति में 10 से 30 सेकेंड तक रहें। फिर श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे सीधा लेट जाएं ।
सावधानियां- स्पेन्डिलाइटिस के मरीजों को बहुत जोर लगा कर नहीं करना चाहिए।
3. मुद्रा और बंध- वायु मुद्रा और प्राण मुद्रा से हमारे भीतर श्वसन तंत्र मजबूत होता है साथ ही प्राणशक्ति का विकास होता है।
4. प्राणायाम - जैसा विदित है कि तापमान बढऩे पर यह वायरस कमजोर होता है इसलिए भस्त्रिका, कपालभांति, सूर्यभेदी, उच्जायी आदि प्राणायाम लाभकारी है
सूर्यभेदी प्राणायाम- दाहिने नासिका से श्वास भरकर बायीं नासिका से श्वास छोड़ें। यह प्रक्रिया 1 मिनट तक करें ।
इससे शरीर का ताप बढऩे के साथ इम्यून तंत्र मजबूत होता है।
सावधानियां- उच्च रक्त चाप के रोगियों को नहीं करना चाहिए।
5. ध्यान - विज्ञानिकों और डॉक्टर्स के अनुसार तनाव से हमारा इम्यून तंत्र सबसे अधिक प्रभावित होता है और ध्यान सबसे सरल माध्यम है जिससे तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है ध्यान करने की वैसे तो अनेक विधियां है लेकिन चक्र ध्यान के अंतर्गत द्वी हृदय ध्यान इस रोग के लिए अत्यंत लाभकारी है।
विधि- रीढ़ को सीधा रख कर बैठ जाएं आंखे बंद कर लें कोई प्रार्थना कर लें अपने हृदय और सिर के ऊपर ध्यान देते हुए किसी अच्छी घटना को याद करें, दोनों हाथों को उठाकर पूरी पृथ्वी को आशीर्वाद दें शांति, स्वास्थ्य, आशा और विश्वास का या आमीन का 12 बार उच्चारण करें। 3 मिनट का मौन रखें और पुन: पृथ्वी को आशीर्वाद दें इस रोग से मुक्ति के लिए धन्यवाद के साथ आंखे खोल लें ।
सावधानियां- उच्च रक्त चाप, ग्लूकोमा एवं हृदय रोगों इस चक्र ध्यान की बजाय सिर्फ या आमीन का उच्चारण एवं मौन रहने का प्रयोग करें।
सूर्य-नमस्कार- सूर्य नमस्कार एक संपूर्ण योग है। इसमे योग के सभी अंग समाहित है। प्रतिदिन 11 चक्र सूर्य-नमस्कार हमारे इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आवश्यक है।