वाराणसी के मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बहुरेंगे दिन, सपा एमएलसी शतरुद्ध प्रकाश ने की पहल
काशी विद्यापीठ ब्लाक के मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पहचान अब गंदे दीवाल व आवारा पशुओं का अड्डा के नाम से नहीं जाना जाएगा। जल्द ही इसके दिन बहुरने वाले है। पूर्वांचल विकास निधि से 25 लाख 37 हजार रुपये दिया है जिसकी स्वीकृति हो गयी है।
वाराणसी [श्रवण भारद्वाज] । काशी विद्यापीठ ब्लाक के मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पहचान अब गंदे दीवाल व आवारा पशुओं का अड्डा के नाम से नहीं जाना जाएगा। जल्द ही इसके दिन बहुरने वाले है। मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बदहाली के बारे में 21 मई को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था की स्वास्थ्य केंद्र के सभी बाहरी दीवाल गंदे हो गए है और जो बोर्ड भी लगे है वो भी धुंधले हो चुके है। बाहर से देखने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी पहचान ही खो चुका है।
स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में रात को आवारा पशुओं का डेरा बन जाता है और इसका सीधा कारण यह है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चारो ओर से खुला है।जिसके कारण घुमन्तु पशु स्वास्थ्य केंद्र में गंदगी कर देते हैं और मरीजों में इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
इस बारे में वर्तमान सपा एमएलसी शतरुद्ध प्रकाश ने बताया की 1991 में मैंने ही मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भूमि पूजन करवाया था और उन्होंने बताया कि उस समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बाउंड्री का कार्य नहीं हो पाया था।
इस बाबत जब उन्होंने मिसिरपुर स्वास्थ्य केन्द्र की बदहाली की खबर देखी तो उन्होंने समक्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली से अवगत कराया। बताया की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाउंड्री व दो गेट के निर्माण के लिए पूर्वांचल विकास निधि से 25 लाख 39 हजार रुपये दिया है जिसकी स्वीकृति हो गयी है और जल्द ही सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बाउंड्री का निर्माण कर दो गेट लगवाए जाएंगे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में रात में आवारा पशुओं का डेरा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कई दिक्कतें
रोहनिया के मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहचान अब गंदे दीवाल व आवारा पशुओं का अड्डा के नाम से जाना जाने लगा है सभी बाहरी दीवाल गंदे हो गए है और जो बोर्ड भी लगे है ओ धुंधले हो चुके है। बाहर से देखने पर स्वास्थ्य केंद्र अपनी पहचान ही खो चुका है। स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगड़ में रात को आवारा पशुओं का डेरा बन जाता है इसका सीधा कारण यह है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चारो ओर से खुला है जिसके कारण घुमन्तु पशु गंदगी कर देते है और मरीजों इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है मरीज भी अपने आपको असहज महसूस करते है।जब कि यह स्वास्थ्य केंद्र घनी आबादी के बीच मे स्थित है।स्वास्थ्य केंद्र पर पहुचने के लिए सड़क भी काफी खराब है ऐसा तब है जब कुछ ही किमी की दुरी पर विधायक रोहनिया सुरेंद्र नारायण का आवास है।