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जंगमबाड़ी मठ से निकली पालकी शोभायात्रा में सड़क पर दक्षिण भारतीय कलाकारों ने मोहा मन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आयोजन में शामिल होने से एक दिन पूर्व जंगमबाड़ी मठ से शनिवार की सुबह पालकी शोभायात्रा निकली।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 01:50 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:21 PM (IST)
जंगमबाड़ी मठ से निकली पालकी शोभायात्रा में सड़क पर दक्षिण भारतीय कलाकारों ने मोहा मन

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आयोजन में शामिल होने से एक दिन पूर्व जंगमबाड़ी मठ से शनिवार की सुबह पालकी शोभायात्रा निकली। शोभायात्रा जंगमबाड़ी मठ से आरम्भ हुई तो सड़कों पर पूरे देश के विविध रंग मानो उतर आए। वहीं आयोजन का विशेष आकर्षण गुलवर्गा कर्नाटक से आये 100 कलाकारों की टीम रही। कलाकारों की टीम इस दौरान प्रमुख मार्गों से नृत्य और वाद्य यंत्र बजाते हुए निकली तो सड़क पर लगा मानो पूरा दक्षिण भारत उतर आया हो। जंगमबाड़ी मठ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा भी शामिल होने पहुंच रहे हैं। 

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पांच पालकी शोभायात्रा में शामिल होकर जंगमबाड़ी मठ से आरम्भ होकर विभिन्न रास्तों से गिरजाघर, नई सड़क होते चेतगंज तक पहुंची तो सड़क पर आस्‍था का पूरा समुंदर नजर आया। शोभा यात्रा में सबसे आगे रम्भापुरी पीठ के भक्त हरे रंग का वस्त्र धारण किये निकले। उज्जैनी के लोग लाल रंग, केदार पीठ नीला रंग, श्रीशैल के भक्त सफेद रंग, सबसे पीछे काशी के भक्‍त पीले रंग की वेश भूषा धारण किये मौजूद रहे। सभी पांचों पीठों के भक्त विविध परिधानों में शामिल होकर नाचते हुए सड़क से गुजरे तो शताब्‍दी वर्ष का उल्‍लास सड़क पर मानो उतर आया। इस दौरान पालकी यात्रा में रम्भापुरी और केदार पीठ के पीठाधीश्वर नहीं शामिल हुए तो उनके स्थान पर उक्त पीठों के मूल आचार्यों की मूर्ति पालकी पर रखी गई।

 

प्रधानमंत्री मोदी उतारेंगे जंगम बाबा की आरती

वीर शैव महाकुंभ में शामिल होने 16 फरवरी को जंगमबाड़ी मठ आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जंगम बाबा की आरती की पूजा-आराधना के साथ ही आरती ही उतारेंगे। श्रीजगद्गुरु विश्वाराध्य मंगलम... के सस्वर पाठ के बीच लगभग पांच मिनट चलने वाली आरती में वे शामिल होंगे। मठ में जंगम बाबा की संजीवनी समाधि है। पास के मंदिर में पांचमुखी भगवान शिवजी और ब्रह्मा-विष्णु-महेश की मूर्ति स्थापित है। भगवान शिव की पांचमुखी मूर्ति पांच तत्व, पांच गुरु और पांच पीठ का प्रतीक है। 

पीएम के आगमन के मद्देनजर मठ में पीठाधीश्वर चंद्रशेखर शिवाचार्य स्वामी के निर्देशन में शुक्रवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। पीएम का संबोधन मठ के बड़े आंगन में बनाए जा रहे मंच पर होगा। मंच पर पीएम के अलावा चारों पीठाधीश्वर विराजमान होंगे। सामने दर्शक दीर्घा में मठ की शाखाओं के उपाचार्यों समेत 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। शेष लोग आश्रम के भीतर स्थित बड़े हाल में होंगे। गुरुकुल के छात्र सहस्त्र शिवलिंग के बगल में आंगन में बैठेंगे। उनके लिए टीवी स्क्रीन लगाई जाएगी। 

सिद्धांत शिखामणि का 19 भारतीय भाषाओं में अनुवाद

पीएम नरेंद्र मोदी श्रीसिद्धांत शिखामणि ग्रंथ के हिंदी संस्करण का विमोचन करेंगे। इसे जगद्गुरु रेनुकाचार्य ने अगस्त्य ऋषि को उपदेशित किया था। आठवीं शताब्दी में शिवाचार्य स्वामी ने इसे लिपिबद्ध किया। अनुष्टुप छंद में 1400 श्लोक इसमें है। मूलरूप में संस्कृत में है। इसका अनुवाद 19 भारतीय भाषाओं हिंदी, भोजपुरी, अवधी, मैथिली, ब्रज, गुजराती, उडिय़ा, तमिल, तेलुगु , मलयालम, मराठी, कन्नड़ ,रसियन, नेपाली में है।


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