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कल्चरल टूरिज्म को बढ़ावा देने में दक्षिण अमेरिकी देश सबसे आगे, बनारस दिखा रहा राह

दुनिया के प्राचीनतम शहरों में गिने जाने वाले बनारस में विदेशी पर्यटक केवल गंगा और उसके घाट देखने ही नहीं आते हैं बल्कि संगीत और योग सीखने भी आते हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 01:23 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 03:16 PM (IST)
कल्चरल टूरिज्म को बढ़ावा देने में दक्षिण अमेरिकी देश सबसे आगे, बनारस दिखा रहा राह
कल्चरल टूरिज्म को बढ़ावा देने में दक्षिण अमेरिकी देश सबसे आगे, बनारस दिखा रहा राह

वाराणसी  [कृष्‍ण बहादुर रावत] । दुनिया के प्राचीनतम शहरों में गिने जाने वाले बनारस में विदेशी पर्यटक केवल गंगा और उसके घाट देखने ही नहीं आते हैं बल्कि संगीत और योग सीखने भी आते हैं। सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ये विदेशी यहां के होटलों और अन्य व्यापार को भी बढ़ा रहे हैं। सबसे आश्चर्य कि बात यह है कि सांस्कृतिक पर्यटन को दक्षिणी अमेरिका देश ब्राजील, अर्जेन्टीना, पेरू और कोलंबिया के महिला-पुरुष सबसे आगे हैं। अक्टूबर से मार्च तक इनकी संख्या लगभग 2000 के आस-पास होती है। जापान, इसराइल और यूरोप के कई देशों के नागरिक भी संगीत का प्रशिक्षण लेने बनारस आते हैं। इन देशों के नागरिक इसके लिए वे यहां पर दो सप्ताह से दो महीने तक रुकते हैं। 

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मंगलवार को ब्राजील से आयी निकोली तबला और यहीं के परमा सितार का प्रशिक्षण लेने देवव्रत मिश्रा के यहां आए हुए हैं। निकोली का कहना है वह पेशे से गिटारिस्ट है, वह तबला सीख कर पश्चिम और पूर्व के संगीत को मिलकर फ्यूजन संगीत तैयार करेंगी। तबला में जो लय है वह किसी और वाद्य में नहीं है। दूसरी ओर जॉज संगीत के शिक्षक परमा सितार सीख कर अपनी कला को और निखरने के उद्देश्य से बनारस आए हैं। दोनों का कहना है कि वह तबला और सितार सीख कर अपने देश में इसका कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे और लोगों को इस विद्या की जानकारी देंगे। ताकि अधिक से अधिक लोग बनारस आकर संगीत का प्रशिक्षण ले। 

सरकार रखे कड़ी निगाह : सरकार से मेरी अपील है कि वह ऐसे तथाकथित संगीतकार या योग शिक्षक पर कड़ी निगाह रखे जो सिखाने के नाम पर सामान बेचने पर अधिक ध्यान देते है। ऐसे में भारत का नाम विदेशियों में खराब होता है। समय-समय पर सरकार की किसी एजेंसी को संगीत और योग सिखाने वाले संस्थाओं की कड़ी जांच करनी चाहिए। - देवव्रत मिश्रा, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगीतज्ञ। 


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