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ई-कंटेंट से ही चुनौतियों का समाधान, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में दो दिवसीय ई-वर्कशाप

शिक्षा के क्षेत्र में कोविड-19 सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। इन चुनौतियों का सामना हम ई-कंटेंट से कर सकते हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 01:16 AM (IST)
ई-कंटेंट से ही चुनौतियों का समाधान, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में दो दिवसीय ई-वर्कशाप
ई-कंटेंट से ही चुनौतियों का समाधान, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में दो दिवसीय ई-वर्कशाप

वाराणसी, जेएनएन। शिक्षा के क्षेत्र में कोविड-19 सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। इन चुनौतियों का सामना हम ई-कंटेंट से कर सकते हैं। छात्रों को गुणवत्तायुक्त व सरल तरीके से ई-कंटेंट उपलब्ध करा दिया जाय तो घर बैठे अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। वहीं किसी टॉपिक पर यदि कोई शंका हो तो अध्यापक छात्रों को ऑनलाइन भी समझा सकते हैं। 

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विधि विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ऑनलाइन ई-कंटेंट पर आयोजित दो दिवसीय ई-वर्कशाप का यह निष्कर्ष रहा। समापन सत्र में मंगलवार को बतौर मुख्य अतिथि स्कूल ऑफ लॉ, गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद के निदेशक प्रो. केसी रावल ने कहा कि शिक्षा के सामने कोविड-19 चुनौतीपूर्ण समस्या है इस चुनौती का सामना समय की मांग के अनुसार ई-कन्टेन्ट के माध्यम से पूरा कर सकते है। विशिष्ट अतिथि जननायक चन्द्रशेखर ङ्क्षसह विश्वविद्यालय, बलिया के पूर्व कुलपति प्रो. योगेन्द्र ङ्क्षसह ने कहा कि वर्तमान परिस्थियों में ऑनलाइन क्लास व ई-कंटेंट ही सर्वेत्तम विकल्प है। डा. कविता लालचन्दानी सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया। स्वागत विभागाध्यक्ष व संकायाध्यक्ष प्रो.   रंजन कुमार, संचालन डा. सना अहमद व धन्यवाद ज्ञापन डा. शिल्पी गुप्ता ने किया।

नई शिक्षा नीति बहुलतावादी समाज के विकास के लिए मजबूत कदम

नई शिक्षा नीति समावेशी व बहुलतावादी समाज के विकास के लिए मजबूत कदम है। नई शिक्षा नीति बुनियादि  तकनीकि ज्ञान को विस्तारित करने साथ विद्यार्थी केंद्रित व उनके रूची के अनुसार चलने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। यह शिक्षकों के साथ अभिभावकों को भी समावेशित करता है। वहीं नई शिक्षा नीति में विद्यार्थी नामांकन संख्या को बढ़ाना शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौति है। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वन के लिए अच्छे एवं योग्य लोगो का अभाव नहीं होना चाहिए अन्यथा इसके उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो सकेगी।

आइक्यूएसी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की ओर से मंगलवार को आयोजित नई शिक्षा नीति 2020: भविष्य के पथ पर विषयक वेबिनार का यह निष्कर्ष रहा। मुख्य अतिथि उप्र प्राविधिक विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डीएस चौहान ने कहा कि अध्यापक सशक्त होगा तो देश सशक्त होगा। ऐसे में अध्यापकों के निर्माण के लिए अध्यापकों की परिस्थिति और उनके हितों को सुरक्षित करने की जरूरत है विशिष्ट अतिथि केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच वेकटेश्वरलू, जय प्रकाश विश्वविद्यालय-छपरा के पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह, नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय-पटना के कुलपति प्रो. एचएन प्रसाद, प्रो. शशि देवी सिंह सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया। अध्यक्षता कुलपति प्रो. टीएन सिंह, स्वागत आइक्यूएसी के निदेशक प्रो. केएस जायसवाल, संचालन डा. संदीप गिरी व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. निरंजन सहाय ने किया।


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