Lockdown in varanasi के बीच सर्व विद्या की राजधानी BHU में Google से चल रहीं कक्षाएं
सर्व विद्या की राजधानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गूगल से कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
वाराणसी [हिमांशु अस्थाना] : लॉकडाउन की घोषणा के बीच छात्रों को सत्र लेट होने की चिंता लाजमी है। हालांकि आइआइटी, बीएचयू के कई प्रोफेसरों ने उनकी इस समस्या का हल निकालते हुए अब गूगल क्लास रूम शुरू कर दिया है। प्रोफेसर वर्क फ्राम होम के तहत अपने वीडियो व्याख्यान, नोट्स, प्रजेंटेशन इत्यादि इस वर्चुअल क्लास रूम में डाल देते हैं और देशभर में अपने घरों से आइआइटी, बीएचयू के छात्र अध्यापकों के व्याख्यान अटेंड कर रहे हैं। माना जा रहा था कि गूगल क्लास रूम आने वाले दौर के अध्ययन की विधा है। अभी इस पर चिंतन जारी था लेकिन लॉकडाउन ने इस समय को पीछे छोड़ते हुए यह व्यवस्था पहले ही दे दी।
एकाएक नहीं पड़ेगा छात्रों पर पढ़ाई का बोझ
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग और ह्यूमेनिटीज के विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार मिश्रा के मुताबिक लॉकडाउन खत्म होते ही कभी भी सेमेस्टर परीक्षाओं की तारीख आ सकती है। गूगल क्लासरूम से घर बैठे छात्र अपना कोर्स पूरा कर सकते हैं। इससे उन्हें संस्थान के खुलते ही अचानक से अत्यधिक पढ़ाई का दबाव नहीं होगा।
हर कोर्स का है कोड
आइआइटी, बीएचयू के एक छात्र ने बताया कि संस्थान के सभी कोर्स का कोड गूगल क्लास रूम पर बना हुआ है। छात्रों को अपनी आइडी से लॉगिन कर सभी असाइनमेंट स्वत: प्राप्त हो जाते हैं। जो छात्र जिस कोर्स का है, उसका एक खास कोड होता है और उस कोड पर प्रोफेसर अपने विभाग से संबंधित पाठ्य सामग्री डालते रहते हैं।
सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से है यह खास
प्रो. मिश्रा के मुताबिक, गूगल क्लासरूम अन्य सभी ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे वाट्सएप, टेलीग्राम और यूट्यूब से थोड़ा खास है। दरअसल, वाट्सएप और टेलीग्राम पर केवल अपने विभाग का ही ग्रुप होता है जिसमें सभी विद्यार्थी एक ही विषय पढ़ते हैं। लेकिन फाइनेंस एंड इकोनॉमिक्स जैसे विषय संस्थान के ज्यादातर विभागों के छात्रों को पढऩा होता है, इसलिए इस विषय से संबंधित स्टडी मैटेरियल एक साथ सभी छात्रों को बिना किसी मशक्कत के प्राप्त हो जाते हैं।
कोर्स को ऑनलाइन पूरा कराने की जिम्मेदारी पत्र के माध्यम से सुनिश्चित कर दी गई है
संस्थान के सभी विभागाध्यक्षों को कोर्स को ऑनलाइन पूरा कराने की जिम्मेदारी पत्र के माध्यम से सुनिश्चित कर दी गई है। छात्रों को जो भी असाइनमेंट दिया जा रहा है, हर सप्ताह उसकी समीक्षा कर नंबर भी दिए जा रहे हैैं।
-प्रो. एसबी द्विवेदी डीन, एकेडमिक अफेयर्स, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आइआइटी बीएचयू।