परंपराओं से इतर बहन ने भाई की चिता को दी मुखाग्नि, गांव भर में हो रही चर्चा
टूटती परंपराओं की कड़ी में एक नया अध्याय बलिया जिले में शनिवार की शाम जुड़ गया। यहां चिलकहर में बहन की जिद के आगे गांव ही नहीं परिवार वालों की भी एक न चली।
बलिया, जेएनएन। विकास खण्ड के गांव चिलकहर के पाण्डेयपुर में भाई की मौत के बाद बहन की जिद के आगे किसी की एक न चली। बहन आरती ने भाई ओमप्रकाश पाण्डेय की मृत्यु के बाद उन्हें मुखाग्नि दी। शनिवार को घंट बांधने की रस्म पूरी हुई। श्राद्ध कर्म करने के लिए चचेरे भाई टुनटुन की पहल काम आयी। बहन मान तो गई किंतु उसकी पीड़ा देखने लायक थी। बहन ने कहा कि मेरा सबकुछ उजड़ गया। भाई की मौत ने असहनीय पीड़ा दी है। मैने मन ने निर्णय लिया था कि मुखाग्नि के बाद अब श्राद्ध कर्म के सारे कार्य भी करूंगी, किंतु परिजनों के दबाव के समक्ष मुझे झुकना पड़ा। सामाजिक व्यवस्था के कारण अब चाचा प्रद्युम्न पाण्डेय श्राद्ध कर्म करेंगे।
विकास खण्ड के गांव चिलकहर के पाण्डेयपुर में सूर्यनाथ पान्डेय के तीन भाई थे। उनकी पांच संतानें थी। इनमें तीन पुत्र व दो पुत्रियों का भरापूरा परिवार था। एक पुत्र दिग्विजय छोटी उम्र में ही कहीं चला गया और अब तक नहीं लौटा। एक दशक के दौरान माता-पिता की मृत्यु के बाद छोटे भाई दामोदर की भी अल्पायु में ही मृत्यु हो गई। बीमार 40 वर्षीय भाई ओमप्रकाश भी 40 भी शनिवार को चल बसा, जिसे बहन आरती ने परिजनों के दबाव व मना करने के बावजूद जबरन मुखाग्नि दी। हालांकि परिजनों व रिश्तेदारों ने आगे का श्राद्ध कर्म न करने के लिए आरती को किसी तरह मना लिया।