केमिकल रंग होली न कर दें बदरंग, खतरनाक रासायनिक रंगों से झुलस सकती है त्वचा
रंगों से खेलना हर किसी को अच्छा लगता है।मगर कई बार ये रंग आपकी त्वचा बाल या आंखों को नुकसान भी पहुंचा देते हैं। हर साल की तरह इस साल भी होली की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं।
सोनभद्र, जेएनएन। रंगों से खेलना हर किसी को अच्छा लगता है।मगर कई बार ये रंग आपकी त्वचा, बाल या आंखों को नुकसान भी पहुंचा देते हैं। हर साल की तरह इस साल भी होली की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं। बाजारों में केमिकल युक्त रंगों की भी भरमार देखने को मिल रही है जो त्वचा और आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। होली यानी रंगों का त्योहार लेकिन होली के यह रंग कहीं रंग में भंग न डाल दें। इन दिनों खतरनाक केमिकलों के जरिए तैयार किए गए रंगों की बाजार में भरमार है। अगर अभी तक आपने रंग-गुलाल नहीं खरीदे हैं तो सोच समझकर ही रंग खरीदे। केमिकल युक्त रंग आपकी त्वचा और आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। चिकित्सकों का कहना है कि रंगों में इतने खतरनाक केमिकल होते हैं, कि उनसे त्वचा, आंख, किडनी, लीवर, फेफड़ों में गंभीर इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। इन रंगों के प्रयोग से त्वचा के झुलसने का खतरा बना रहता है।
सीधे असर करता हैं रासायनिक तत्व
त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. सुजीत कुमार का कहना है कि होली को लेकर लोगों में एक गलत धारणा है, वो यह है कि रंग ऐसा लगाया जाए, जोकि एक सप्ताह या फिर महीने भर तक न छूटे, लेकिन लोग इसके दुष्पभाव को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि हरे, काले, नारंगी, सफेद आदि रंगों में पारा, कोमियम आयोडाइड, कांच के महीन टुकड़े आदि मिलाए जाते हैं. यह रासायनिक तत्व सीधे-सीधे किडनी, लीवर और फेफड़ों के गंभीर इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
हर्बल रंगों से खेलें होली
आयुर्वेदाचार्य हर्बल रंगों से होली खेलने की सलाह देते हैं। अगर कृतिम रंगों की बात की जाए तो हर रंग में खतरनाक केमिकल का समावेश है। इससे बचाव का आसान तरीका यही है कि लोग हर्बल रंगों से होली खेलें। घरों में मेंहदी, हल्दी आदि प्राकृतिक वस्तुओं से रंग तैयार कर लिए जाएं। यह नुकसानदायक नहीं होंगे।
जानें किस रंग में कौन सा केमिकल
रंग - केमिकल
काला - पारा
नारंगी - कोमियम आयोडाइड
पीला - ओरेमाइन
हरा - कॉपर सल्फेट